- नेशनल स्पो‌र्ट्स कोड लागू करने की डेडलाइन आज पूरी

- राज्य फुटबॉल संघ का बहाना, संघ के पास नहीं है एआईएफएफ का बायलॉज

- स्पो‌र्ट्स कोड लागू होने के बाद सालों से जमे पदाधिकारियों की हो जाएगी छुट्टी

देहरादून, केंद्रीय खेल मंत्रालय के आदेश के बावजूद राज्य फुटबॉल संघ नेशनल स्पो‌र्ट्स कोड लागू करने को लेकर गंभीर नहीं है। कोड लागू करने की आज आखिरी तारीख है, लेकिन संडे को फुटबॉल एसोसिएशन ने साफ कह दिया कि उनके पास ऑल इंडिया फुटबॉल फैडरेशन (एआईएफएफ) को कोई बायलॉज ही नहीं है। फुटबाल संघ अब एआईएफएफ को बायलॉज भेजने के लिए पत्र लिखने की बात कह रहा है।

संघ बोला, नहीं मिला आदेश

केंद्रीय खेल मंत्री राज्यव‌र्द्धन सिंह राठौर के स्पो‌र्ट्स कोड लागू करने के आदेश के बाद एआईएफएफ ने उत्तराखंड राज्य फुटबॉल संघ को पत्र भेजकर 25 जून तक स्पो‌र्ट्स कोड लागू करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, राज्य फुटबाल संघ इसे लेकर लापरवाह बना है। संघ के सचिव अख्तर अली ने बताया कि वैसे भी उनके पास एआईएफएफ की तरफ से जारी पत्र नहीं पहुंचा है और न ही उनके पास एआईएफएफ का बायलॉज है। उन्होंने कहा कि वे बायलॉज के लिए एआईएफएफ को पत्र लिखेंगे।

कुर्सी बचाने को बहानेबाजी

राज्य फुटबॉल संघ पर नेशनल स्पो‌र्ट्स कोड लागू के बाद तय है कि सालों से संघ के पदों पर जमे लोगों की छुट्टी हो जाएगी। ऐसे में संघ के पदाधिकारी तमाम तरह की बहानेबाजी करने में जुटे हैं। कोड लागू होने के बाद संघों के पदाधिकारियों का कार्यकाल भी फिक्स हो जाएगा और कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ेगा।

18 साल से सचिव पद पर जमें हैं अली

राज्य फुटबॉल संघ के सचिव पिछले 18 सालों से इसी पद पर कब्जा जमाए हैं। वहीं, संघ के अध्यक्ष रवींद्र किशन गायकवाड़ भी दूसरे राज्य महाराष्ट्र से हैं। बताया गया है कि वर्तमान में प्रदेश में करीब 40 राज्य खेल संघ हैं। जिनमें कई सालों से पदाधिकारी विभिन्न पदों पर काबिज हैं। जाहिर है नेशनल स्पो‌र्ट्स कोड लागू होने के बाद कई पदाधिकारियों को अपना पद छोड़ना पड़ेगा।

नेशनल स्पो‌र्ट्स कोड के रूल

-किसी भी खेल संघ में अध्यक्ष अधिकतम 12 वर्ष तक ही रह सकता है पदासीन।

-सचिव और कोषाध्यक्ष अधिकतम आठ साल तक रह सकते हैं पद पर।

-पदाधिकारी 70 वर्ष से अधिक आयु का व्यक्ति नहीं बन सकता।

-किसी संघ में एक बार पदाधिकारी बनने के बाद दूसरे संघ में नहीं होगा मान्य।