पशुओं के लिए काम करने वाले संगठन लंबे समय से इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाते रहे थे.

इस पूरी बहस के एक छोर पर सौंदर्य प्रसाधनों का एक बहुत बड़ा बाज़ार भी है.

सुमिरन प्रीत कौर की रिपोर्ट.

"मुझे ये नहीं पता है कि किस क्रीम का परीक्षण जानवरों पर हुआ है और किस का नहीं. इसलिए मुझे ये नहीं पता कि इस बदलाव का असर कैसा होगा?"

ये कहना है दिल्ली की ब्यूटीशियन मीनाक्षी दत्त का उन सौंदर्य उत्पादों पर प्रतिबंध के बारे में, जिन्हें जानवरों पर आजमाया जाता है.

ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स नियमों में गुरुवार से लागू हो रहे पाँचवें संशोधन के मुताबिक़ जानवरों पर परीक्षण किए गए कॉस्मेटिक्स का आयात प्रतिबंधित है.

ख़ुशी

अब इन क्रीमों पर लगेगा प्रतिबंध!

इस पहल से बहुत से लोग काफ़ी ख़ुश हैं, जिनमें से एक है जानवरों के लिए काम कर रही संस्था 'पेटा'.

'पेटा' यानी 'पीपल फ़ॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ़ एनिमल्स' के साइन्स पॉलिसी अड्वाइज़र, डॉक्टर चैतन्या कोडूरी कहते हैं, “जब भी कोई क्रीम बनती थी या मार्केट में आती थी तो वो इंसानो की त्वचा के लिए कितनी सही है, उससे पहले उन्हें जानवरों पर परखा जाता था. लेकिन अब ऐसा नही होगा."

डॉक्टर कोडूरी के अनुसार, "ये एक अच्छा कदम है. पहला कारण ये है कि जानवरों पर ये सितम क्यों ढाना? साथ ही जो परीक्षण जानवरों पर होते थे वे महंगे होते थे और अब जब इतनी नई-नई तकनीक आ चुकी है, विज्ञान ने प्रगति की है और आपके पास दूसरे तरीके हैं ये जानने के लिए कि कौन सी क्रीम त्वचा के लिए सही है, तो बेवजह जानवरों पर अत्याचार क्यों?"

अब इन क्रीमों पर लगेगा प्रतिबंध!

बहुत सालों से इस मुहिम का हिस्सा रही ‘ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल’ और ‘बी क्रुएलिटी फ़्री कैंपेन’ की आलोकपर्णा सेनगुप्ता कहती हैं, “भारत जो एक प्रगतिशील देश है, उसे वक़्त के साथ कदम मिलाना होगा.”

सेनगुप्ता के मुताबिक़, "यूरोपीय यूनियन में पहले से ऐसे उत्पादों का आयात और निर्माण निषेध है. ऊपर से ये तय करना कि आपकी त्वचा के लिए कौन से उत्पाद बेहतर हैं, ये जानने के लिए कई नए तरीके सामने आ चुके हैं.”

ज़्यादा मालूम नहीं

अब इन क्रीमों पर लगेगा प्रतिबंध!

कई लोगों को इस नियम के लागू होने के बारे में पता तो है लेकिन उन्हें इसके बारे में ज़्यादा नहीं पता.

ब्यूटीशियन मीनाक्षी दत्त कहती हैं, "कौन से ऐसे उत्पाद हैं, जिनका परीक्षण जानवर पर हुआ है और किसका नहीं ये मुझे नहीं पता.”

दत्त ने कहा, “अगर इस नियम से कुछ बदला, मतलब अगर उत्पाद महँगे हो गए, तो उसका ख़ामियाज़ा ग्राहकों को ही भुगतना पड़ेगा. अभी ये कहना बहुत मुश्किल है कि इस नियम से क्या-क्या बदलेगा? देखते हैं कि आने वाले दिनों में क्या-क्या होगा?”

इस बात पर कॉसमेटिक क्रीम बनाने वाली जानी मानी कंपनी यूनीलिवर ने ई-मेल के ज़रिए एक जवाब में कहा, "हमारी कंपनी भी जानवर पर परीक्षणों के खिलाफ है. हम समान रूप से उपभोक्ता स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए काम करते हैं."

असर

अब इन क्रीमों पर लगेगा प्रतिबंध!

मालविका जैन एक टीवी प्रेज़ेंटर हैं. उनके अनुसार उन्हें मालूम है कि कौन सी क्रीम जानवरों पर आजमाई गई है.

मालविका कहती हैं, "मुझे पहले नहीं पता था कि कौन सी क्रीम का परीक्षण जानवरों पर किया गया है और किस का नहीं. अगर इससे उत्पादों की कीमतों में बढ़ोत्तरी होगी तब भी मुझे इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा. पर हाँ, अगर मुझे चुनना हो तो मैं वही क्रीम चुनूंगी जिसका जानवरों पर परीक्षण नहीं हुआ होगा. अगर वो महंगी भी हो तो भी मैं उसे खरीदूँगी."

इंडियन ब्यूटी एंड हाइजीन एसोसिएशन के मुताबिक़ भारत में सौंदर्य प्रसाधन उद्योग जल्द ही 20 हज़ार करोड़ रुपए को छू लेगा. ये अमरीका या यूरोप के मुकाबले भारत में लगभग दो गुनी रफ़्तार से बढ़ रहा है.

International News inextlive from World News Desk