वाशिंगटन (एएनआई)। मिस इंग्लैंड 2019 रहीं भाषा मुखर्जी इस वैश्विक संकट के बीच अपनी डॉक्टर की जिम्मेदारी पूरी तरह से निभा रही। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, मिस इंग्लैंड का ताज पहनने से पहले भाषा सांस के मरीजों का इलाज करती थी। वह जूनियर डॉक्टर रह चुकी हैं। कोलकाता शहर से ताल्लुक रखने वाली भाषा मूल रूप से भारतीय हैं। ब्यूटी कांटेस्ट में हिस्सा लेने से पहले उन्होंने बतौर डॉक्टर मेडिकल क्षेत्र में करियर की शुरुआत की थी।

हाल ही में किया था भारत दौरा

डॉक्टर के पेशे में आने के बाद भाषा ने मानवीय कार्यों के लिए अपने मेडिकल करियर को रोक दिया। वह चैरिटी से जुड़े कई एनजीओ का हिस्सा रहीं, उन्हें अलग-अलग देशों का दौरा करना पड़ता था। ऐसे में डॉक्टरी के लिए उनका टाइम निकालना मुश्किल था। सीएनएन के हवाले से भाषा कहती हैं, 'मुझे अफ्रीका, तुर्की, फिर भारत, पाकिस्तान और कई देशों में आमंत्रित किया गया। अन्य एशियाई देशों में चैरिटी के लिए काफी काम किया।' बता दें भाषा मार्च की शुरुआत में चार हफ्ते के लिए भारत आईं थी। इस दौरान 24 वर्षीय इस सुंदरी ने कई स्कूलों का दौरा किया और जरूरतमंदों को स्टेशनरी से जुड़ी सामग्री बांटी।

कोरोना मरीजों की करना चाहती हैं मदद

भारत दौरा करके भाषा सीधे ब्रिटेन चली गईं। वहां पहुचंते ही कोरोना संकट काफी बढ़ चुका था। उन्होंने फिर अस्पताल से संपर्क किया और उनसे पूछा कि वह फिर से जुडऩा चाहती हैं। सीएनएन के अनुसार, मिस इंग्लैंड सौंदर्य प्रतियोगिता विजेता का कहना है कि ताज पहनने से क्या फायदा, जब लोग वायरस से मर रहे हैं। भाषा कहती हैं, 'जब आप यह सब मानवीय कार्य विदेश में कर रहे होते हैं, तो आपको एक गर्व का अहसास होता है क्योंकि आपके सिर पर एक ताज है। मगर इस सुंदरता को तब और बढ़ाया जा सकता है जब आप संकट के समय किसी के काम आ सकें।'

आखिर कब काम आएगी डिग्री

भाषा का कहना है कि, 'मुझे इस बात का एहसास है कि मुझे यह डिग्री किसलिए मिली है। आज इसका सही उपयोग करना है। यह काफी अच्छा अनुभव है जब पूरी दुनिया स्वास्थ्य कर्मियों के काम की सराहना कर रही। मुझे भी इसका हिस्सा बनना है और मुझे पता है, मैं यह कर सकती हूं।' भाषा हाल ही में विदेश यात्रा करके लौटी थी, इसलिए उन्होंने खुद को आइसोलेशन में रखा था। एक बार क्वारंटाइन पीरियड ओवर हो जाएगा तो वह अपने काम पर लौट आएंगी।

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