कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। International Women's Day 2022: इंटरनेशन वूमेंस डे (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस) मार्च में मनाए जाने वाले सबसे बड़े आयोजनों में से एक है। यह हर साल 08 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर में महिलाओं की उपलब्धियों को उजागर करना है। यह दिन महिलाओं के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए भी मनाया जाता है ताकि वे अपना स्टैंड ले सकें और समाज में लैंगिक भेदभाव के खिलाफ लड़ सकें। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की वेबसाइट के अनुसार इस खास दिन को बैंगनी, हरा और सफेद से प्रदर्शित किया जाता है।

कई रैलियों, चर्चाओं और सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है

इस इंटरनेशन वूमेंस डे पर, दुनिया भर की महिलाएं अपने द्वारा की गई सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक उपलब्धियों का जश्न मनाएंगी। ऐसे में इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, कई रैलियों, चर्चाओं और सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों की महिलाएं भाग लेती हैं। हम सभी जानते हैं कि आधुनिक युग में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का बहुत महत्व है लेकिन इतिहास से इसका गहरा नाता है। यह दिन 1900 की शुरुआत से मनाया जाता है।

अच्छा वेतन, कम काम के घंटे और मताधिकार के लिए महिलाओं ने किया मार्च

1908 में वापस, कुल 15,000 महिलाओं ने अच्छा वेतन, कम काम के घंटे और मताधिकार के लिए न्यूयॉर्क से एक मार्च शुरू किया। पहली बार संयुक्त राज्य भर में राष्ट्रीय महिला दिवस 28 फरवरी को मनाया गया था। यह दिन 1913 तक फरवरी के अंतिम रविवार को मनाया जाता था। 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड जैसे देशों को 19 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से सम्मानित किया गया। रूसी महिलाओं ने 23 फरवरी को अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया था।

इस साल महिला दिवस की थीम एक सतत कल के लिए आज लैंगिक समानता

हालांकि इसके तुरंत बाद ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को प्रतिवर्ष 8 मार्च को चिह्नित करने के लिए सहमति व्यक्त की गई थी तब से, इस दिन को दुनिया भर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 1975 में पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। 1996 में, संयुक्त राष्ट्र ने अपनी पहली एनुअल थीम सेलिब्रेटिंग द पास्ट, प्लानिंग फॉर द फ्यूचर के रूप में घोषित की। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 का विषय एक सतत कल के लिए आज लैंगिक समानता है।

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