नई दिल्ली (आईएएनएस)। कुछ साल पहले तक युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव दोनों ही भारत के लिए सीमित ओवरों के फाॅर्मेट में विराट कोहली के स्ट्राइक गेंदबाज थे। हालांकि, वे अब अपनी टीम में जगह बनाने के लिए लड़ रहे हैं और आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का सीजन उनके लिए आत्मविश्वास हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण होगा। इंग्लैंड के खिलाफ पहले तीन टी 20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के बाद चहल की वापसी हुई थी मगर उन मैचों में कुछ खास नहीं कर पाने के कारण आखिरी के दो मैचों में उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली। यही नहीं वनडे टीम से भी वह बाहर रहे।

कुल्चा को करनी होगी वापसी
कुलदीप यादव की बात करें तो वह पिछले पांच महीनों से भारतीय टीम के साथ यात्रा कर रहे थे मगर उन्हें बहुत कम क्रिकेट खेलने को मिला।चाइनामैन गेंदबाज यादव ने ऑस्ट्रेलिया में केवल एक अंतरराष्ट्रीय, एक एकदिवसीय मैच खेला और फिर इंग्लैंड के भारत दौरे के दौरान एक टेस्ट और दो वनडे खेले। इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो एकदिवसीय मैचों में उनका प्रदर्शन काफी खराब रहा। पहले मैच में जहां कुलदीप ने 68 रन लुटाए वहीं दूसरे मुकाबले में 84 रन दिए। इसके बाद उन्हें एकदिवसीय सीरीज के आखिरी मैच से हटा दिया गया था।

चहल के सामने बड़ी चुनौती
चहल को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) में कुछ मैचों के लिए प्लेइंग इलेवन खेलने की उम्मीद है क्योंकि वह विराट कोहली की अगुवाई वाले टीम के मुख्य स्पिनर हैं। आरसीबी ने चहल की टक्कर ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर एडम जम्पा से होगी। जाम्पा ने भारत के खिलाफ सीरीज में काफी अच्छी गेंदबाजी की थी। ऐसे में चहल के लिए यह प्रतियोगिता काफी कठिन होने वाली है। आरसीबी के निदेशक माइक हेसन ने मंगलवार को यह स्पष्ट कर दिया कि तेज गेंदबाज एक प्रमुख भूमिका निभाएंगे। उन्होंने बताया कि उन्होंने विभिन्न प्रकार के पेसर्स चुने हैं - जो कि कटर इत्यादि में विविधता ला सकते हैं और जो गेंद को उछाल देते हैं और गति को बढ़ाते हैं। ऐसे में साफ है कि फ्रेंचाइजी इस बार तेज गेंदबाजों पर फोकस्ड है।

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