-डॉ। महेंद्र सिंह बासु आई ड्रॉप से मोतियाबिंद को कर रहे डिसॉल्व

बरेली: शहर के आई स्पेशियलिस्ट डॉ। महेंद्र सिंह बासु ने आंखों की बीमारियों के इलाज में अमेरिकन रिसर्चर को भी पीछे छोड़ दिया है। हाल ही में अमेरिकन रिसर्चर ने साइंटिफिक मेडिकल जनरल नेचर में बताया कि मोतियाबंद आई ड्रॉप से डिसोल्व हो सकता है और जैनेटिक बीमारियां भी ठीक हो सकती हैं व शरीर की जो सेल्स डेड हो जाती हैं उन्हें भी पुन: जीवित किया जा सकता है। यह रिसर्च वर्ष 2018-19 में केवल खरगोश और डॉग्स पर ही की गई और ह्यूमन पर रिसर्च होना बाकी है। जबकि डॉ। महेंद्र सिंह बासु आइसोटीन आयुर्वेदिक आई ड्रॉप से मोतियाबिंद को डिसॉल्व कर रहे हैं।

32 वर्षों से कर रहे ट्रीटमेंट

डॉ। बासु आइसोटीन ड्रॉप के साथ ही दवाओं के जरिए न सिर्फ मोतियाबिंद को डिसॉल्व कर रहे हैं साथ ही जैनेटिक बीमारियों जैसे कलर ब्लाइंडनेस, रेटिनाइटिस पिग्मेन्टोसा का इलाज कर रहे हैं। डॉ। बासु ने बताया कि जो सेल्स ओल्ड ऐज के कारण डेड हो चुकी हैं उन्हें रिसाइकलिंग करके पुन: जीवित किया जा सकता है, जैसे मैयूलर डीजैनरेशन, काला पानी और डायबिटिक रेटिनापैथी आदि का बिना हानिक के सफलता पूर्वक पिछले 32 वर्षो से इलाज कर रहे हैं।

कैंसर पेशेंट भी हुए ठीक

आई कैंसर रैटिनोब्लास्टोमा का भी डॉ। बासु के आइसोटीन आई ड्रॉप और दवाओं से ठीक किया जा चुका है। चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल के कैंसर स्पेशियलिस्ट डॉ। वी रवि कुमार ने वर्ष 2007-08 में डॉ। बासु को इमेरिटस प्रोफेसर की उपाधि से सम्मानित किया। इसके साथ ही वर्ष 1994 में एफर्ट टू साइट फस्ट एक्सीलेंस अवॉर्ड और वर्ष 2013 में एक्सीलेंस इन आई साइट इंप्रूविंग वाशिंग्टन डीसी द्वारा दिया गया। डॉ। बासु बताते हैं कि आइसोटीन ड्रॉप आंखों में डालने से पांच मिनट में ही नजर वापस आने लगती है। डॉ। बासु का मिशन है कि जिस प्रकार पोलियो को दुनिया से खत्म किया गया उसी प्रकार अंधता को भी खत्म किया जा सके।