छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में मरीजों को दवा नहीं मिलने की शिकायत दूर होगी। यहां जल्द ही जरूरत की तमाम दवाइयां उपलब्ध कराई जाएगी। हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा हॉस्पिटल में नेशनल इसेंशियल मेडिसिन्स लिस्ट की सभी 348 दवाएं उपलब्ध कराए जाने की तैयारी की जा रही है। हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ एमजीएम सुपरिंटेंडेंट डॉ आरवाई चौधरी के साथ हुई मीटिंग में ये फैसला लिया गया है।

दूर होगी दवाइयों की कमी

एमजीएम हॉस्पिटल में पर्याप्त दवाइयों उपलब्ध ना होने की वजह से मरीजों को अक्सर बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ती है। पर ये समस्या अब जल्द ही दूर होगी। हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट डॉ आरवाई चौधरी ने बताया कि प्रिंसिपल सेक्रेटरी के विद्यासागर की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में एमजीएम के ओपीडी में नेशनल इसेंशियल मेडिसिन्स लिस्ट की 348 दवाएं उपलब्ध कराने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि हेल्थ सेक्रेटरी द्वारा मौखिक रुप से ये निर्देश दिया गया है, जल्द ही इस संबंध में लेटर इश्यू किया जाएगा।

ओपीडी मरीजों के लिए फिलहाल मिलते हैं 5 रुपए

बढ़ती महंगाई के साथ-साथ मेडिकल कॉस्ट भी दिन-ब-दिन बढ़ रहा है पर एमजीएम हॉस्पिटल में आज भी ओपीडी में आने वाले मरीजों के दवाओं के लिए प्रति मरीज 5 रुपए मिलते हैं। हॉस्पिटल में हर रोज करीब 8 सौ मरीज आते हैं। डॉ आरवाई चौधरी ने बताया कि 5 रुपए में मरीजों को दवाएं उपलब्ध करा पाना काफी मुश्किल है। हॉस्पिटल में इस वर्ष दवाइयों के लिए 1 करोड़ का फंड सैंक्शन किया गया है पर मरीजों की संख्या को देखते हुए इतने मरीजों के लिए सभी आवश्यक दवाइयां नही उपलब्ध कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि 348 इसेंशियल दवाइयां उपलब्ध हो जाने मरीजों के साथ-साथ हॉस्पिटल को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में सुविधा होगी।

2011 में अपनाया गया था एनईएलएम

गवर्नमेंट द्वारा 2011 में नेशनल लिस्ट ऑफ इसेंशियल मेडिसिन्स (एनईएलएम) 2011 जारी किया गया था। इस लिस्ट में 348 दवाएं शामिल है। झारखंड सरकार ने दिसंबर 2011 में नोटिफिकेशन जारी कर प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक स्तर के हॉस्पिटल्स और हेल्थ सेंटर्स में प्रयोग के लिए इस लिस्ट को हू-ब-हू अपनाया था। इस लिस्ट में शामिल 348 दवाओं को 27 सेक्शन्स में बांटा गया है।

तीन कैटगरीज में बांटी गई हैं दवाएं

प्राइमरी (पी), सेंकेंडरी (एस) और टेरिटरी हेल्थकेयर लेवल्स में आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं को ध्यान में रखते हुए एनईएलएम में दवाओं को तीन कैटगरीज में बांटा गया है। लिस्ट के अनुसार 181 दवाएं पी, एस और टी कैटगरी में, 106 दवाएं एस, टी कैटगरी में और 61 दवाएं टी कैटगरी में शामिल हैं।

क्वोट

हॉस्पिटल में 348 इसेंशियल मेडिसिन्स उपलब्ध कराई जाएंगी। हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के साथ हुई मीटिंग के दौरान ये निर्देश दिया गया था। जल्द ही इस संबंध में लेटर जारी होने की उम्मीद है।

डॉ आरवाई चौधरी, सुपरिंटेंडेंट, एमजीएम हॉस्पिटल