-डॉ अभय ने कहा, यह ओवर एक्टिव ब्लैडर बीमारी का लक्षण हो सकता है

JAMSHEDPUR: अगर आपको बार-बार नेचुरल कॉल (पेशाब ) लगने की जरूरत महसूस होती है, तो सावधान। यह ओवर एक्टिव ब्लैडर बीमारी का लक्षण हो सकता है। यह बात शनिवार को नारायणा ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के कंसलटेंट यूरोलॉजिस्ट डॉ। अभय कुमार ने कही। सिपला कंपनी की ओर से साकची स्थित एक होटल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में डॉ। अभय ने कहा कि लोगों में यह समस्या लगातार बढ़ रही है। हालांकि, लोग इस समस्या को खुलकर बताने से शर्माते हैं। इसका असर किडनी पर पड़ता है। इसके साथ ही मरीज खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से भी परेशान पाता है।

आना-जाना मुश्किल

सबसे बड़ी तकलीफ तब होती है, जब उसे इस परेशानी की वजह कहीं आना-जाना मुश्किल हो जाता है। पीडि़त न तो बाजार जा पाता है और न ही मंदिर। उसे डर रहता है कि कहीं भी अचानक या बार-बार टॉयलेट जाने की जरूरत पड़ सकती है। रात-रात भर मरीज पेशाब करने के कारण सो नहीं पाता है और उसका काम में मन नहीं लगता। उम्र के साथ-साथ यह बीमारी बढ़ती है। हालांकि इसका इलाज संभव है। लाइफस्टाइल में बदलाव, खान-पान में परहेज व बिहेवियर थेरेपी व आवश्कता अनुसार दवा दी जाती है। लोगों को इसके प्रति जागरुक होने की जरुरत है। ओवर एक्टिव ब्लैडर बीमारी किसी को भी हो सकती है। हालांकि ब्0 वर्ष के बाद महिलाओं में यह अधिक होती है। यूरोपीय देश में यह समस्या प्रति छह में से एक व्यक्ति को होती है। हालांकि इस बीमारी का सटीक कारण अबतक नहीं चल सका है।