-असेंबली इलेक्शन की घोषणा होने के बाद सिटी में लगी निषेधाज्ञा

-इलेक्शन को लेकर डीसी ने की पॉलिटिकल पार्टी के प्रतिनिधियों के साथ की मीटिंग

-छठ के दौरान पॉलिटकिल पार्टीज के कैंप लगाने पर भी रोक

-हटाई जा रही पॉलिटिकल पार्टी की होर्डिग्स

JAMSHEDPUR : असेंबली इलेक्शन डिक्लियर होते ही डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। लॉ एंड ऑर्डर और आचार संहिता मेंटेन रखने के लिए एसडीओ ने अनुमंडल में निषेधाज्ञा यानी धारा क्ब्ब् लगा दी है। निषेधाज्ञा ख्7 अक्टूबर से लागू हो गई है, जो ख्फ् दिसंबर तक जारी रहेगी।

बिना अनुमति धरना-प्रदश्ान पर रोक

निषेधाज्ञा लगने के बाद अब बिना परमिशन के जुलूस, धरना-प्रदर्शन और रोड जाम नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा किसी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र लेकर रोड पर निकलने या प्रदर्शन करने पर भी रोक रहेगी। बिना परमीशन के साउंड बॉक्स का यूज भी नहीं किया जा सकेगा। किसी पॉलिटिकल पार्टी द्वारा बिना पूर्वानुमति के कोई चुनावी सभा, सम्मेलन व जुलूस नहीं निकाला जा सकेगा।

बिना परमीशन व्हीकल के यूज पर रहेगी रोक

चुनाव प्रचार के दौरान बिना अनुमति के व्हीकल के यूज करने पर भी रोक लगा दी गई है। इसके अलावा नोमिनेशन के दौरान कैंडीडेट सहित पांच लोगों से ज्यादा लोग निर्वाची पदाधिकारी के चैम्बर में नहीं जा सकेंगे। हालांकि, यह निषेधाज्ञा बारात, शवयात्रा, पूजा स्थल और धार्मिक जुलूस पर लागू नहीं होगी।

कैंप लगाने पर रोक

धालभूम एसडीओ द्वारा इस संबंध में भी एक आदेश जारी किया गया है। इसके तहत कोई पॉलिटिकल पार्टी या किसी भी पॉलिटिकल पार्टी से रिलेटेड व्यक्ति या संस्था द्वारा छठ पूजा या मुहर्रम के दौरान कैंप लगाने और मुफ्त सामान बांटने पर रोक लगा दी गई है। बताया गया कि इस तरह की हरकत को वोटर्स को लुभाने का प्रयास मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।

डीसी ने की मीटिंग

इलेक्शन की तैयारियों को लेकर सोमवार को डीसी ऑफिस में मीटिंग हुई। इसमें पॉलिटिकल पार्टी के प्रतिनिधि मौजूद थे। इस दौरान डीसी डॉ अमिताभ कौशल ने सभी को इलेक्शन से संबंधित दिशा-निर्देश भी दिए। डीसी ने कहा कि एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा सिटी में पॉलिटिकल पार्टीज द्वारा लगाए गए होर्डिग्स को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मंगलवार तक सभी होर्डिग्स हटा लिए जाएंगे। मौके पर एसएसपी अमोल वी होमकर, सिटी एसपी कार्तिक एस, डीडीसी लाल मोहन महतो, एसडीओ प्रेम रंजन के अलावा विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे।