RANCHI : केंद्र और राज्य सरकार की जुगलबंदी से बुनियादी ढांचा दुरुस्त करने के निमित्त सोमवार को रांची में एक और महत्वपूर्ण करार पर मुहर लगाई गई। रेल मंत्रालय, कोल इंडिया और राज्य सरकार के बीच हुए एमओयू के तहत राज्य में दर्जन भर रेल लाइनें बिछाने के लिए करार किया गया। इसके लिए तीनों के बीच एक हजार करोड़ की ज्वाइंट वेंचर कंपनी का गठन किया गया। मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा और केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री सुदर्शन भगत की उपस्थिति में तीनों पक्षों के अधिकारियों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती

प्रस्तावित रेल लाइनों का उपयोग कोयला खदानों से रेलवे साइडिंग तक कोयला पहुंचाने के लिए किया जाएगा। इन रेल लाइनों पर पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन भी हो सकेगा। केंद्र और राज्य सरकार शर्त के अनुसार ज्वाइंट वेंचर कंपनी में कोल इंडिया की भागीदारी सबसे अधिक 64 फीसद होगी, जबकि रेलवे और राज्य सरकार की क्रमश: 26 और 10 फीसद। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस करार को देश और राज्य की अर्थव्यवस्था की मजबूती की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

पैसेंजर ट्रेनें भी चलेंगी

कोयला राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इससे झारखंड को कई लाभ होंगे। रेलवे लाइन से सिर्फ कोयला ही नहीं ढोया जाएगा, इस पर पैसेंजर ट्रेन भी चलेंगी। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि इस एमओयू से रेलवे, कोल इंडिया और राज्य सरकार तीनों को फायदा होगा। सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने समझौते की उपयोगिता को रेखांकित किया। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह कोडरमा के सांसद रवींद्र राय, रांची के सांसद रामटहल चौधरी, कोयला सचिव अनिल स्वरूप और कोल इंडिया के सीएमडी सुतीर्थ भट्टाचार्य भी उपस्थित थे।

इन परियोजनाओं के लिए हुआ एमओयू

- टोरी-शिवपुर रेलवे लाइन

- शिवपुर- कठोतिया रेल लाइन

- मगध रेलवे साइडिंग

-आम्रपाली रेलवे साइडिंग

-संघमित्र रेलवे साइडिंग

- पचरा (चंद्रगुप्त) रेलवे साइडिंग

-नार्थ उरीमारी रेलवे साइडिंग

-फुसरो-जरंगडीह रेल डायवर्सन

-कोनार रेलवे साइडिंग

-पिपराडीह रेलवे साइडिंग

-कुजू रेलवे साइडिंग

-कथारा साइडिंग

12000 करोड़ की होगी बचत, प्रदूषण से भी निजात

कोल इंडिया, रेलवे और झारखंड सरकार के बीच हुआ महत्वपूर्ण करार सरकार की झोली भरने का काम भी करेगा। इस करार से कोल इंडिया को सालाना 12000 करोड़ की सीधी बचत होगी। प्रदूषण से मुक्ति की दिशा में भी यह बड़ा कदम साबित होगा। सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने ने कहा कि बिजली उत्पादन की लागत कम करने में यह महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। प्रति यूनिट लागत कम होगी और जनता को सस्ती बिजली मुहैया होगी। रोड ट्रांसपोर्ट से होने वाले प्रदूषण की चर्चा करते हुए सीएमडी ने बताया कि इससे प्रदूषण से भी निजात मिलेगी।