-बिष्टुपुर स्थित कांतिलाल मेमोरियल हॉस्पिटल (मेडिका) का है मामला

-परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप लगाया

-इलाज पर खर्च राशि वापस करने व नौकरी की मांग

JAMSHEDPUR: बिष्टुपुर के कांतिलाल मेमोरियल हॉस्पिटल (मेडिका) से रेफर करने के बाद पेशेंट बिंदू कुमारी (ख्भ् वर्ष) की मौत हो गई। इससे बिंदू के परिजन आक्रोशित हो गए और हॉस्पिटल के डॉक्टर्स पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए रविवार को जमकर बवाल काटा। इस दौरान परिजनों द्वारा महिला के दो महीने की बच्ची के नाम पांच लाख रुपए के मुआवजे की मांग की है। मौके पर पहुंची सीसीआर डीएसपी जयसिंता केरकेट्टा व बिष्टुपुर थाना प्रभारी के समझाने के बाद मामला शांत हुआ। बिष्टुपुर थाने में मामले की लिखित शिकायत की गई है। उधर, हॉस्पिटल मैनेजमेंट का कहना है कि उन्होंने समय रहते पेशेंट को रेफर कर दिया था। इलाज के दौरान हॉस्पिटल में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई है।

यह है मामला

जानकारी के मुताबिक सोनारी स्थित कूटाडीह बस्ती निवासी संजू रजक की पत्नी बिंदू कुमारी को सात जनवरी को खांसी, सर्दी और सांस लेने में परेशानी होने के बाद मेडिका हॉस्पिटल में भर्ती करया गया था। आईसीयू में भर्ती करने के बाद महिला की हालत और गंभीर हो गई। 8 जनवरी को डॉक्टर्स ने परिजनों से राय लेकर महिला को वेंटीलेटर में डाल दिया। परिजनों ने बताया कि 9 जनवरी की सुबह उन्होंने बिंदू को दूसरे हॉस्पिटल में रेफर करने की इजाजत मांगी, लेकिन उन्हें इजाजत नहीं मिली। शनिवार को अचानक बिंदू की हालत सीरियस हो गई और उन्हें टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) ले जाने के लिए कहा गया, लेकिन हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई।

डेड सर्टिफिकेट देने से इंकार

बिंदू के देवर टिंकू रजक ने बताया कि शनिवार की शाम उनकी भाभी की मौत के कुछ देर बाद वे हॉस्पिटल पहुंचकर डॉक्टर्स से महिला की डेथ सर्टिफिकेट बनाकर देने की मांग की, लेकिन मेडिका हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने सर्टिफिकेट देने से इंकार कर दिया। परिजनों का कहना था कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से मरीज की जान गई इसलिए इलाज पर खर्च हुई राशि वापस की जाए और परिवार को नौकरी भी दी जाए।

लापरवाही नहीं हुई

हॉस्पिटल मैनेजमेंट का कहना है कि पेशेंट को समय पर रेफर कर दिया था। पेशेंट के परिजन उसे दूसरे हॉस्पिटल ले जाने में देर की। इस वजह से महिला की मौत हुई है। इस मामले में मेडिका हॉस्पिटल जबावदेह नहीं हैं। हॉस्पिटल मैनेजमेंट का कहना है कि हॉस्पिटल में इलाज के दौरान किसी तरह की लपरवाही नहीं बरती गई है।

परिजनों को रविवार को ही मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दिया गया है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट की ओर से नौकरी या मुआवजा के रूप में पैसे देने की कोई बात नहीं हुई है।

-मयूक चौधरी, हॉस्पिटल मैनेजमेंट, केएलएमएच