जमशेदपुर (ब्यूरो): जुगसलाई स्थित श्री राजस्थान शिव मंदिर में चल रहे भागवत कथा के पांचवें दिन शनिवार को पूतना उद्धार, माखन चोरी लीला, भगवान की बाल लीलाएं, गिरिराज धरण लीला सहित छप्पन भोग दर्शन के प्रसंग का वर्णन हुआ। भागवताचार्य डॉ। संजीव कृष्ण ठाकुर ने कहा कि भक्ति और भक्त की परीक्षा प्रतिकूलताओं में ही होती है। अनुकूलता में तो सभी मुस्कुराते हैं, मगर प्रतिकूलता में भी हमारा आत्मबल बना रहना चाहिए। कहा कि हमारे चेहरे की मुस्कुराहट बनी रहे, यही हमें ब्रजवासियों से सीख लेनी चाहिए। कथाव्यास की वाणी से बाल कृष्ण की अनेकों बाल लीलाओं का वर्णन सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। कथा व्यास ने गोवर्धन पूजा एवं इन्द्र के मान मर्दन की कथा का विस्तार से वर्णन किया। इस अवसर पर भगवान गिरिराज महाराज के समक्ष सुंदर छप्पन भोग के दर्शन कराए गए।

प्रभु की स्मृति बनी रहे

कथा क्रम में डॉ। संजीव कृष्ण ने आगे बताया कि सुख और दुख जीवन के अनिवार्य अंग हैं, लेकिन प्रत्येक स्थिति में प्रभु की स्मृति बनी रहे, यही जीवन की सहजता एवं श्रेष्ठता है। दुखों में घबराना नहीं प्रभु शरणागत हो जाना है, फिर प्रभु के लिए हमारी पर्वत जैसी समस्या भी राई के दाने के बराबर ही है। उन्होंने कहा कि जहां सत्य एवं भक्ति का समन्वय होता है, वहां भगवान का आगमन अवश्य होता है। गाय की सेवा एवं महत्व को समझाते हुए गाय के दूध को अमृत के समान बताया। साथ ही कहा कि प्रत्येक हिन्दू परिवार में गाय की सेवा अवश्य होनी चाहिए, क्योंकि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है।

आरती के बाद प्रसाद वितरण

पुरुषोत्तम मास के अवसर पर मालीराम घनश्याम दास गढ़वाल परिवार (थोई निवासी राजस्थान) द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में प्रतिदिन भारी संख्या में प्रभु कथा प्रेमी पहुंच रहे हैं। कथा के बाद आरती हुई और श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। छठे दिन रविवार को कथावाचक श्री कृष्ण रुक्मणि विवाह महोत्सव का प्रसंग सुनाएंगे।