- नोवामुंडी-बड़ाजामदा के बीच रेलवे ट्रेक पर गिर गया था सूखा पेड़

-ट्रेक मेंटीनेंस कर रहे कर्मचारी की नजर पड़ते ही ट्रेन को पहले ही रोक दिया

-पेड़ के स्पर्श से 25 हजार वोल्टेज के तार भी टूट कर झूल रहा था

-पटरी से पेड़ को हटाने के बाद ढाई घंटे देर से रवाना हुई ट्रेन

NOWAMUNDI: नोवामुंडी-बड़ाजामदा रेलवे ट्रेक के पोल संख्या-फ्8फ्/ख्9 के पास अप व डाउन लाइन पर सूखी लकड़ी गिरने से गाड़ी संख्या-क्ख्0ख्क् हावड़ा-बड़बिल जनशताब्दी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गई। घटना सोमवार दोपहर लगभग क्ख् बजकर ब्0 मिनट पर अडि़का गांव समीप जंगल की है। ट्रेक पर पड़ी लकड़ी को हटाने के पश्चात ढाई घंटे बाद ख् बजकर भ्0 मिनट पर जनशताब्दी एक्सप्रेस बड़ाजामदा स्टेशन के लिए रवाना हुई। जबकि ट्रेक से लकड़ी हटाने तक गाड़ी संख्या-भ्8क्क्0 गुवा-टाटा सवारी गाड़ी को बड़ाजामदा स्टेशन पर सवा ख् घंटे तक रोकना पड़ा। घटना के पहले जनशताब्दी एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय पर लगभग साढ़े क्ख् बजे नोवामुंडी स्टेशन से बड़ाजामदा स्टेशन के लिए निकल चुकी थी। ट्रेक मेंटीनेंस कर रहे कर्मचारी की नजर रेलवे पटरी पर गिरे पेड़ को देखते ही जनशताब्दी को घटनास्थल पहुंचने के पहले रोकने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।

झूल रहा था तार

पेड़ के स्पर्श से ख्भ् हजार वोल्टेज के तार भी टूट कर झूल रहा था। बाद में झूलते तार के करंट को काट दिया गया। अंतत: रेलवे कर्मचारियों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए एक्सप्रेस को खंभा संख्या-फ्80/8फ् पर ही रोकने में सफल रहे। घटनास्थल पर संबंधित अधिकारियों को सूचना देकर बुला लिया गया। पटरी से पेड़ को हटाने के लिए डांगोवापोसी से ख् घंटे बाद ख् बजे निरीक्षण वाहन पहुंच गई थी। डांगोवापोसी के एडीइएन सौरव राज, बड़ाजामदा स्टेशन प्रबंधक केसी नायक, अनुभाग अभियंता दुलाल चन्द्र दास आदि विभागीय अधिकारी भी पहुंचे थे। बड़बिल-हावड़ा जनशताब्दी एक्सप्रेस शाम ब् बजे लौटती में बड़ाजामदा स्टेशन नोवामुंडी निकल गई। पटरी से पेड़ हटने के बाद लाइन क्लीयर मिलते ही अप व डाउन लाइन पर परिचालन शुरू हो गया।

रेलकर्मियों की सूझ-बूझ से हादसा टला

क्ब् डीटीएम में ड्यूटी कर रहे ट्रेकमैन ब्रजेश कुमार ने खंभा संख्या-फ्8फ्/ख्9 के समीप अप व डाउन लाइन पर एक बड़ा सूखा पेड़ गिरा देख लिया था। रेलवे पटरी पर अचानक पेड़ को देखते ही अप लाइन के पटरी पर अलग-अलग ब् पटाखा बांधकर ध्वनियंत्र के तहत जनशताब्दी एक्सप्रेस को रोकने का प्रयास किया। आवाज सुनते ही उनके साथी चुनाराम हांसदा व खिरोद सिंह मुंडा ने भी मिलकर डाउन लाइन पटरी पर पटाखा बांधकर ध्वनि यत्र के जरिये गाड़ी रोकने का प्रयास किए थे। आश्चर्य की बात तो यह है कि दोनों ने फटाखा को पटरी पर बांधने के लिए जुड़े तार नहीं होने के बाद भी पास ही के कीचड़ को पटरी पर रख दिया गया था। दरअसल उस समय अप लाइन पर जनशताब्दी एक्सप्रेस पहुंच रही थी। जबकि डाउन लाइन पर बड़ाजामदा से नोवामुंडी के लिए गुवा टाटा सवारी गाड़ी को रवाना करना था।