छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र(08 रूड्ड4): प्रॉस्पेक्टस में सब्सिडियरी सब्जेक्ट्स का नाम क्लियर नहीं होने की वजह से ग्रेजुएट कॉलेज की बीएससी आईटी की स्टूडेंट पुष्पा माझी का एक साल बर्बाद हो जाएगा। पुष्पा ने 2013 में फ‌र्स्ट पार्ट का एग्जाम दिया था। पुष्पा और उसके पैरेंट्स कॉलेज और यूनिवर्सिटी का चक्कर लगा रहे पर उसका कोई फायदा नहीं।

यह है मामला ?

पुष्पा माझी ने ग्रेजुएट कॉलेज में 2012-15 बैच में बीएससी आईटी में एडमिशन लिया। उसने 2013 में फ‌र्स्ट पार्ट का एग्जाम दिया। उसे एडमिशन लने, एग्जामिनेशन फॉर्म भरने और रिजल्ट आने तक किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। जब रिजल्ट आया तो उसका रिजल्ट रोक दिया गया। उसने पता किया तो बताया गया कि सब्सिडियरी सब्जेक्ट का कॉम्बिनेशन गलत भरा गया है। प्रॉस्पेक्टस में सब्सिडियरी के लिए प्योर साइंस के सब्जेक्ट्स लेने के बारे में लिखा है। पुष्पा ने फिजिक्स और केमिस्ट्री ऑप्ट किया। रिजल्ट डिक्लेयर होने के बाद उसे बताया गया कि सब्सिडियरी में मैथ्स सब्जेक्ट होना जरुरी है। उसने तत्कालीन एक्टिंग वीसी डॉ आलोक गोयल से मुलाकात की तो उन्होंने पुष्पा को पार्ट टू के एग्जाम में एपीयर परमिशन दिलवाया। पुष्पा को सेकेंड पार्ट के एग्जाम के अलावा फ‌र्स्ट पार्ट के मैथ्स के पेपर का भी एग्जाम देना था। पुष्पा का सेकेंड पार्ट का भी रिजल्ट रुक गया क्योंकि वह फ‌र्स्ट पार्ट के सब्सिडियरी पेपर मैथ्स में फेल कर गई। वह इस बार थर्ड पार्ट के एग्जाम में एपीयर होने का परमिशन मांग रही है पर यूनिवर्सिटी इसके लिए तैयार नहीं।

आखिर गलती किसकी ?

सवाल यह है कि आखिर गलती किसकी है? अगर पुष्पा ने सब्सिडियरी का गलत कॉम्बिनेशन भरा तो इसके लिए जिम्मेवार कौन है। अगर मैथ्स लेना अनिवार्य था तो ऐसा प्रॉस्पेक्टस में क्यों नहीं लिखा था। अगर कॉलेज के प्रॉस्पेक्टस में ऐसा नहीं था तो यूनिवर्सिटी ने अपने लेवल से इसे क्लियर क्यों नहीं कर रखा था।

अब क्या होगा?

केयू के एग्जामिनेशन कंट्रोलर डॉ गंगा प्रसाद ने कहा कि पुष्पा को पार्ट थर्ड के एग्जाम में एपीयर होने का परमिशन नहीं दिया जा सकता, क्योंकि लास्ट पार्ट उसने मौका गंवाया और सब्सिडियरी पेपर मैथ्स में फेल कर गई। उसे इस बार पार्ट वन के एग्जाम के समय सब्सिडियरी पेपर मैथ्स का फिर से एग्जाम देना होगा। मैथ्स में पास करने के बाद उसका सेकेंड पार्ट का रिजल्ट डिक्लेयर किया जाएगा जिसे लास्ट पार्ट पास होने के बावजूद रोक दिया गया था।

वर्जन

फ‌र्स्ट इयर का रिजल्ट आने के बताया गया कि सब्सिडियरी का गलत कॉम्बिनेशन भरने की वजह से रिजल्ट रोक दिया गया है। प्रॉस्पेक्टस में सब्सिडियरी के लिए प्योर साइंस के पेपर लिए जाने का उल्लेख है। मैंने फिजिक्स और केमिस्ट्री ऑप्ट किया तो इसमें क्या गलती थी।

- पुष्पा माझी

स्टूडेंट, ग्रेजुएट कॉलेज

पुष्पा को सब्सिडियरी पेपर के कॉम्बिनेशन को लेकर कंफ्यूजन था। उसने प्रॉस्पेक्टस में देखकर सब्जेक्ट का नाम भरा होगा। अगर कॉम्बिनेशन कुछ और है तो यूनिवर्सिटी को इसकी सूचना दी जानी चाहिए थी।

- डॉ उषा शुक्ला

प्रिंसिपल ग्रेजुएट कॉलेज

पुष्पा ने पार्ट वन में सब्सिडियरी पेपर का गलत कॉम्बिनेशन भरा था। कॉलेज को सही जानकारी स्टूडेंट्स को दी जानी चाहिए थी। एक्टिंग वीसी के इंस्ट्रक्शन पर उसे पार्ट टू का एग्जाम देने का मौका मिला था। वह सब्सिडियरी पेपर मैथ्स में फेल कर गई। पार्ट थर्ड का एग्जाम तो वह नेक्स्ट इयर ही दे पाएगी।

- डॉ गंगा प्रसाद

एग्जामिनेशन कंट्रोलर केयू