CHAIBASA: अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की ओर से धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के शहादत दिवस पर जैन मार्केट चौक से बस स्टैंड चौक तक कैंडल मार्च निकाल कर श्रद्धांजलि दी गई। जैन चौक में विकास परिषद की अध्यक्ष नीला नाग ने कहा कि भगवान बिरसा का आंदोलन समाज के दबे, कुचले, शोषण का शिकार गरीब दलित आदिवासियों के आवाज के रुप में थी। जिसने अंग्रेजों के ईट से ईट बजा दी। बिरसा एक जन नायक क्रांतिकारी के साथ एक समाज सुधारक भी थे। उन्होंने नशापान का विरोध किया, अंधविश्वासों को नकारा और एक ईश्वर यानि सिंहबोंगा को मानने के लिए कहा। नाग ने कहा कि युवा नशा-पान से दूर रहकर अनुशासन में रहने का अहवान किया। परिषद के सचिव अनिल लकड़ा ने कहा कि जल, जंगल और जमीन के लिए भगवान बिरसा मुंडा ने 25 वर्ष की अल्पायु में ही शहीद हो गये। उनके पवित्र बलिदान के कारण ही हमें छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम को लागू किया गया। जो आदिवासियों के अस्तित्व के लिए आज भी रक्षा कर रही है। उन्होंने आदिवासी युवाओं को एकजुट रहने, शिक्षित बनने और अपने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया। इस मौके पर छोटेलाल तामसोय, संजय कच्छप, मुकेश सिंह, संतोष कुमार दे, विश्वनाथ कुजूद, रमेश कच्छप, रोमोल कच्छप, मालती खालको, बंधुवा कच्छप आदि मौजूद थे।

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डांगोवापोसी में बिरसा मुंडा को दी गयी श्रद्धांजलि

CHAIBASA: भगवान बिरसा मुंडा की क्क्भ्वीं पुण्यतिथि डांगोवापोसी में श्रद्धापूर्वक मनाई गयी। इस अवसर पर एसटी-एससी रेलवे कर्मचारी संघ एवं बीबीसी क्लब की ओर से यहां स्थित बिरसा चौक में स्थापित भगवान बिरसा की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी। इस दौरान एसटी-एससी कर्मचारी संघ तथा बीबीसी संघ के सदस्य उपस्थित थे।