द्भड्डद्वह्यद्धद्गस्त्रश्चह्वह्म : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बच्चों की मौत का मामला नहीं थम रहा है। बुधवार को एक और बच्चे की मौत हो गई। बोड़ाम निवासी शक्तिपदो महतो के बच्चे का जन्म स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर 25 अगस्त को हुआ। इस दौरान वजन (2.2 ग्राम) कम होने के कारण उसे एमजीएम अस्पताल लाया गया जहां एनआइसीयू (न्यू बोर्न इंटेसिव केयर यूनिट) विभाग में भर्ती किया गया। इलाज के क्रम में मंगलवार की रात मौत हो गई।

लगातार भर्ती हो रहे बच्चे

वहीं एनआइसीयू विभाग में कुल 21 गंभीर नवजात बच्चे भर्ती हैं। जबकि पीआइसीयू (पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) में कुल 5 बच्चे व वार्ड में 36 बच्चे भर्ती हैं.एमजीएम के शिशु रोग विभाग में बीते चार माह में अबतक कुल 168 बच्चों की मौत हो चुकी है। सबसे अधिक जुलाई में कुल 60 बच्चों ने दम तोड़ा है।

यह हॉस्पिटल नहीं स्लाटर हाउस है

एमजीएम में बच्चों की मौत को लेकर कांग्रेसियों ने सरकार के खिलाफ जोरदार आंदोलन की रणनीति तैयार की है। हर जिले में प्रदर्शन करने के साथ सरकारी अस्पतालों में मरने वाले बच्चों की सूची तैयार करने की भी योजना है। बुधवार को धरना में शामिल होने पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि एमजीएम अस्पताल मानो स्लॉटर हाउस बन गया है। रघुवर दास को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। पूरी व्यवस्था चौपट हो गई है।

तीन दिनों तक चला धरना

बच्चों की मौत को लेकर कांग्रेस की ओर से साकची गोलचक्कर पर आयोजित तीन दिवसीय धरना के समापन में कई दिग्गज नेता शामिल हुए। इसमें सुबोधकांत सहाय के अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अरुण उरांव, पूर्व मंत्री गीता उरांव, राष्ट्रीय प्रवक्ता डाक्टर अजय कुमार, पूर्व मंत्री अवधेश कुमार मुख्य रूप शामिल थे।

निकाली मोटरसाइकिल रैली

एमजीएम अस्पताल में बच्चों की मौत को लेकर युवा कांग्रेसयों ने सरकार के खिलाफ मोटरसाइकिल रैली निकाली। सर्किट हाउस से होते हुए मोटरसाइकिल रैली विभिन्न मार्ग से होते हुए साकची गोलचक्कर धरना स्थल तक पहुंची। मोटरसाइकिल रैली में पूर्व सांसद अजय कुमार, युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव परितोष सिंह मुख्य रूप से शामिल हुए। वहीं दूसरी ओर सुबोधकांत सहाय भी कांग्रेसियों के साथ आदित्यपुर से निकाली गई विरोध रैली में शामिल हुए।