छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : आंधी हो या बरसात झारखंड के विकास को तेजी से बढ़ने से अब कोई नहीं रोक सकता। यह कहना है झारखंड के सीएम रघुवर दास का। वे सोमवार को ताम्र प्रतिभा मंच फुटबॉल मैदान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत 12वीं पंचवर्षीय योजनांतर्गत जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विद्युतीकरण योजना का शुभारंभ करने के बाद आम जनता को संबोधित कर रहे थे.किसी राज्य की आधारभूत संरचना को ठीक किए बगैर उस राज्य का विकास संभव नहीं है। इसीलिए हमारी सरकार ने सड़क, बिजली व पानी समेत राज्य के बुनियादी ढांचे को ठीक करने का बीड़ा उठाया है। विकास के लिए बिजली का होना बहुत जरूरी है। इसलिए हमने संकल्प लिया है कि राज्य के हर गांव, हर टोला तक बिजली पहुंचे।

गांव-गांव में सड़कों का जाल

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सड़क के क्षेत्र में बहुत काम किया है। पथ निर्माण विभाग को इसमें बहुत अधिक सफलता मिली है। हमारा लक्ष्य है कि वर्ष 2017 तक राज्य का कोई कोना ऐसा न हो जहां सड़क न हो। ग्रामीण सड़क योजना के तहत विधायक अपने क्षेत्र में 35 किमी तक सड़क का निर्माण कराएंगे। उन्होंने कहा कि बिजली, पानी हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता है। जनता को निर्बाध विद्युत आपूर्ति हो इसके लिए विद्युत लाइनों को अंडरग्राउंड बिछाया जा रहा है। इसकी शुरुआत हमने गत रविवार को जमशेदपुर में कर दी है और जून तक घाटशिला व मुसाबनी में अंडरग्राउंड केब¨लग का काम पूरा हो जाएगा।

चौबीस घंटे बिजली देने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राय: हर कार्य के लिए हमें बिजली की जरूरत होती है। चाहे घर हो यो स्कूल, विद्यालय हो या कार्यालय हर जगह बिजली जरूरी है। यहां तक कि टीवी पर जब सास बहू के सीरियल के दौरान बिजली कट जाती है तो महिलाएं बेचैन हो जाती हैं। इसलिए हमारा लक्ष्य है कि सप्ताह में सातों दिन चौबीस घंटे विद्युत आपूर्ति हो। निर्बाध आपूर्ति के लिए जरूरी है कि जर्जर तारों से निजात मिले। जर्जर तारों की वजह से रिसोर्स गैप को भरने के लिए हम प्रति माह बिजली विभाग को दो सौ करोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि हमें यह प्रयास करना होगा कि झारखंड विद्युत बोर्ड मुनाफे में चले। इसके लिए आप लोगों के सहयोग की जरूरत है। समय पर अपना बिजली बिल जमा करें ताकि विद्युत विभाग आपको भरपूर बिजली दे सके।

अधिकारी सुधरें नहीं तो दिखाएंगे बाहर का रास्ता

सीएम रघुवर दास बिजली विभाग के अधिकारियों को सख्त लहजे में चेतावनी दी और कहा कि जितना बिजली का वितरण होता है उसके हिसाब से वसूली के लिए कनीय अभियंता, सहायक अभियंता, कार्यपालक अभियंता से लेकर जीएम तक की जिम्मेवारी है। यदि वह सही से काम नहीं करेंगे तो उसे बाहर का रास्ता दिखाने में कोई संकोच नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी को लगे कि कोई अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त है तो 181 नंबर पर कॉल करें।