JAMSHEDPUR: हमारे पूर्वजों की लंबी लड़ाई के बाद अंग्रेजों ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट को बनाया था। अंग्रेजों ने यह समझा कि इस अधिनियम के लागू होने से भोले-भाले आदिवासियों की जमीन कोई धोखे से ले नहीं सकेगा लेकिन अब झारखंड में बहुमत की सरकार चलाने वाले रघुवर दास इस एक्ट में संशोधन करने जा रहे हैं, जो आदिवासियों की आत्मा है। हमारी सलाह है कि मुख्यमंत्री संशोधन का इरादा वापस ले लें, वरना अनर्थ हो जाएगा। जो आदिवासी विधायक इस विधेयक का समर्थन करेंगे, उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।

संशोधन कॉरपोरेट हित में

ये बातें विभिन्न आदिवासी समाज-संगठनों के प्रतिनिधियों ने सोमवार को कहीं। सीएच एरिया स्थित निर्मल गेस्ट हाउस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दुर्गाचरण मुर्मू ने कहा कि यह एक्ट नहीं, ब्रिटिश सरकार के साथ संधि थी। इसमें संशोधन नहीं हो सकता। कुमारचंद्र मार्डी ने कहा कि यह संशोधन कॉरपोरेट हित में किया जा रहा है। मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं कि जमीन की प्रकृति के बाद भी रैयत का मालिकाना नहीं बदलेगा। इस प्रस्ताव के खिलाफ मंगलवार को सभी प्रखंडों के चौक-चौराहों पर झारखंड सरकार का पुतला फूंका जाएगा। उन्होंने कहा कि गुमला-सिमडेगा आदि इलाकों में सरकार हेलीकॉप्टर से पर्चा गिरा रही है, जिसमें एक्ट संशोधन को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। सरकार इन सब हरकतों पर विराम लगाए। यदि संशोधन हुआ तो हम झारखंड में आग लगा देंगे। इस मौके पर बैजू मुर्मू, सुधीर सोरेन, बहादुर सोरेन, सुखलाल हांसदा, हरि सिंह भूमिज व डीसी मुर्मू ने भी अपनी बातें रखीं।