-सीएसआर के तहत बनेंगे मॉडल आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य केंद्र

-डीसी अमित कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में तैयार किया गया खाका

-टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टिनप्लेट, लाफार्ज ने भर दी है हामी

JAMSHEDPUR: जिले के सरकारी हाईस्कूलों में वाई-फाई से लैस स्मार्ट क्लासेज चलेंगी। यहां भी ऑन लाइन कक्षाओं के साथ ही प्रोजेक्टर के जरिए पढ़ाई होगी। कक्षाओं में इंटरनेट के साथ ही कंप्यूटर लगाए जाएंगे और छात्र देश के मशहूर अध्यापकों की कक्षा का लाभ ले सकेंगे। यह सब होगा कॉरपोरेट सर्विसेज रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत। सरकारी हाईस्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं बनाने का खाका मंगलवार को डीसी अमित कुमार की अध्यक्षता में हुई सीएसआर की बैठक में तैयार किया गया। कंपनियों से कहा गया है कि वह हर साल कुछ हाईस्कूलों का चुनाव कर लें जहां उन्हें स्मार्ट कक्षाएं बनानी हैं। टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टिनप्लेट, लाफार्ज आदि ने स्मार्ट कक्षाएं बनाने की हामी भर दी हैं। इसके अलावा, कंपनियों से आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल बनाने को भी कहा गया है।

दी गई है हिदायत

इन आंगनबाड़ी केंद्रों पर नौनिहालों के लिए पौष्टिक आहार आदि का इंतजाम कंपनियां करेंगी। साथ ही सीएसआर के तहत स्वास्थ्य केंद्रों को भी मॉडल बनाया जाएगा। कंपनियों को हिदायत दी है कि वह अपने सीएसआर में पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा और आंगनबाड़ी केंद्रों को प्राथमिकता दें और ऐसे काम करें जो समाज में दिखाई दे। सभी कंपनियां अपनी योजना जल्द ही जिला प्रशासन के सुपुर्द करेंगी। उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उप विकास आयुक्त विनोद कुमार, अपर उपायुक्त सुनील कुमार, जिला योजना अधिकारी बी अब्रार, एनईपी की निदेशक रंजना मिश्रा के अलावा ¨हदुस्तान कॉपर लिमिटेड, यूरेनियम कॉरपोरेशन लिमिटेड, टाटा स्टील, टाटा पावर, टाटा मोटर्स, टिनप्लेट, चैंबर ऑफ कॉमर्स आदि के प्रतिनिधि शामिल हुए।

बजट में करें संशोधन

बैठक में कंपनियों के प्रतिनिधियों को निर्देश दिया गया है कि वह बैठक में दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार अपने सीएसआर बजट में संशोधन कर लें। इसमें स्मार्ट कक्षा तैयार करने और आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य केंद्रों को मॉडल बनाने की योजना शामिल करते हुए बजट तैयार करें।

छह अगस्त को मांगी रिपोर्ट

जिला प्रशासन ने सभी कंपनियों से उनकी रिपोर्ट और चालू साल के सीएसआर बजट का ब्योरा मांगा है। यह ब्योरा कंपनियों को छह अगस्त को पेश करना होगा। इसमें कंपनियों को उन हाईस्कूलों के नाम देने होंगे जहां की कक्षा को वह स्मार्ट बनाने जा रही हैं। साथ ही उस आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य केंद्र का भी जिक्र इसमें करना होगा जिसे मॉडल बनाया जाएगा।