कहीं ये आपकी तस्वीर तो नहीं !
भले ही आप खुद को फेसबुक और दूसरे नेटवर्किंग साइट्स से दूर रखते हों या नेटवर्किंग साइट्स पर कुछ अपलोड करने से पहले सौ बार सोचते  हों पर हो सकता है की आपकी कोई तस्वीर फेसबुक पर मोस्ट लाइक कंटेंट की लिस्ट में हो या आपका कोई पोस्ट मोस्ट कमेंटेड पोस्ट्स में शुमार हो, भले ही आपको अपने इस तस्वीर या पोस्ट की कोई जानकारी ना हो। जी हां, आए दिन लोग इसी तरह के  कईसाइबर क्राइम का शिकार बन रहे हैं।

हर महीने 15 से 20 मामले  
सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर वल्गर मैसेज पोस्ट करने, किसी का पर्सनल फोटोग्र्राफ अपलोड करने, दूसरे के नाम से फेक आईडी बनाकर उसे डीफेम करने सहित साइबर क्राइम से जुड़े कई मामले आ रहे हैं। साइबर डिफेंस रिसर्च सेंटर के चीफ टेक्निकल ऑफिसर पूरे स्टेट से हर महीने इस तरह के 15 से 20 मामले आते हैं। उन्होंने बताया कि ज्यादातर मामलो में इस तरह के एक्टिविटी का मकसद लोगो को डीफेम करना होता है। उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम के इन मामलों में अक्सर 15 से 30 साल एज ग्र्रुप के यूथ इंवाल्व रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की शिकायत मिलने पर अकाउंट ब्लॉक करने के साथ-साथ कड़ी कारवाई का प्रावधान है।

महंगा पड़ सकता है ये खेल
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए किसी को परेशान करने की कोशिश काफी महंगी पड़ सकती है। विनीत कुमार ने बताया कि इस तरह के मामले में इफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के तहत कड़े सजा का प्रावधान है। एक्ट के सेक्शन 66 ए के तहत किसी भी कंप्यूटर या कम्यूनिकेशन डिवाइस के जरिए ऑफेंसिव मैसेज भेजे जाने पर तीन साल तक के जेल और फाइन का प्रोविजन है।

बढ़ रहा है खतरा
कंट्री में फिलहाल 168 मिलियन इंटरनेट कनेक्शन हैं, एसोचैम के एक अनुमान के मुताबिक ये आंकड़ा 2017 तक 380 मिलियन के पार हो जाएगा। बढ़ते इंटरनेट कनेक्शन्स के साथ-साथ ïफेसबुक जैसे नेटविर्कंग साइट्स के यूजर्स की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। दिसंबर 2012 में अर्बन इंडिया में 62 मिलियन सोशल मिडिया यूजर्स थे ये संख्या जून 2013 में बढक़र 66 मिलियन हो जाने की उम्मीद है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स के यूजर्स की बढ़ती संख्या आने वाले समय में कई चुनौतियां खड़ी करने वाली है।

'साइबर क्राइम से जुड़े कई मामले हमारे पास आते हैं। हर महीने सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए लोगों को डीफेम करने से जुड़े 15 से 20 मामले आते हैं.'
-विनीत कुमार चीफ टेक्निकल ऑफिसर, सीडीआरसी  

'कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों का पालन किया जाएगा। इस संबंध में जरुरी दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे.'
-राजीव कुमार, डीजीपी, झारखंड

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in