पीएचएफआई द्वारा सीसीजीडीएम और एसीएमडीसी कोर्सेज का हुआ ज्वाइंट कॉन्वोकेशन

-44 डॉक्टर्स को मिला सर्टिफिकेट

JAMSHEDPUR: डायबिटीज आज एक तेजी से बढ़ती समस्या बनती जा रही है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के रिपोर्ट के मुताबिक देश में डायबिटीज के करीब म्.भ् करोड़ मरीज हैं वही इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के स्टडी के अनुसार भी डायबिटीज मरीजों की संख्या करीब म्.ख्ब् करोड़ है। इस समस्या की गंभीरता इतनी बढ़ गई है की अब डॉक्टर भी इससे निपटने के लिए खुद को अपडेट करने में लगे हैं। जमशेदपुर में पब्लिक हेल्थ फाइंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा कंडक्ट कराए जा रहे डायबिटीज मैनेजमेंट से जुड़े विभिन्न कोर्सेज में झारखंड सहित अन्य राज्यों के डॉक्टर भी हिस्सा ले रहे हैं।

ब्ब् डॉक्टर्स को मिला सटिर्फिकेट

पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) द्वारा जमशेदपुर में कंडक्ट कराए जा रहे सर्टिफिकेट कोर्स इन जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस (सीसीजीडीएम) और एडवांस सर्टिफिकेट कोर्स इन प्रिवेंशन एंड मैनेजमेंट ऑफ डायबिटीज एंड कार्डियोवस्कूलर डिजीज (एसीएमडीसी) कोर्स का ज्वाइंट कॉन्वोकेशन आयोजित किया गया। इस मौके पर चीफ गेस्ट के तौर पर टाटा हिटाची के एमडी रणवीर सिन्हा और गेस्ट ऑफ ऑनर पीएचएफआई के मनोज जोशी मौजूद थे। इस मौके पर रिजनल फैकल्टी डॉ अनिल कुमार विरमानी, डॉ संगीता सिंघल और डॉ विमलेंदु कुमार भी उपस्थित थे। कॉन्वोकेशन के दौरान ब्ब् डॉक्टर्स को सर्टिफिकेट ि1दया गया।

जरूरी है स्िकल डेवलप

डॉ अनिल विरमानी ने कहा कि डायबिटीज के मामले दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं। ऐसे में डायबिटीज प्रिवेंशन के साथ-साथ डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए भी कदम उठाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य से पीएचएफआई द्वारा सीसीजीडीएम, एसीएमडीसी सहित अन्य कोर्सेज शुरू किए गए हैं। डॉ विरमानी ने कहा कि इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन, इंटरनेशनल हार्ट फेडरेशन जैसी संस्थाओं से मान्यता प्राप्त ये कोर्स डायबिटीज के इलाज में डॉक्टर्स की कंपीटेंसी को इंटरनेशनल लेवल पर ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड में फिलहाल जमशेदपुर में ही ये कोर्सेज कंडक्ट कराए जा रहे हैं। जमशेदपुर में इस कोर्स को शुरु हुए पांच साल हो चुके हैं। इस दौरान चार बैच कोर्स कम्प्लीट कर चुके हैं। डॉ अनिल विरमानी ने कहा कि जमशेदपुर सहित रांची, बोकारो, पटना, चक्रधरपुर, खड़गपुर जैसे जगहों से डॉक्टर इस कोर्स के लिए आ रहे हैं।

सिर्फ डॉक्टर नहीं स्पेशलिस्ट की है जरूरत

कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के तौर पर मौजूद टाटा हिटाची के एमडी रणवीर सिन्हा ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सिर्फ डॉक्टर नही बल्कि स्पेशलिस्ट्स की जरुरत है। इसलिए जरुरी है कि डॉक्टर खुद को ट्रीटमेंट के लेटेस्ट तकनीकों से अपडेट करते रहे। मेडिकल केयर के क्वालिटी पर जापान का एग्जांपल देते हुए उन्होंने कहा कि इंडिया की तुलना में जापान में लाइफ एक्सपेक्टेंसी काफी ज्यादा है। इंडिया में भी लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़ाने के लिए ट्रीटमेंट की क्वालिटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ एजुकेशन को मजबूत करना जरुरी है। उन्होंने मेडिकल केयर के साथ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को जोड़ने की जरूरत भी बताई। उन्होंने कहा कि आईटी से डॉक्टर खुद को मेडिकल फिल्ड की नई-नई जानकारियों से अपडेट रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने स्ट्रेस को वर्तमान समय में एक बड़ी समस्या बताते पीएचएफआई जैसी संस्थाओं द्वारा स्ट्रेस मैनेजमेंट के प्रति नॉलेज फैलाने की जरूरत भी बताई।