छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : सभी निजी स्कूलों को 25 परसेंट सीट पर बीपीएल, अनाथ, फिजिकली चैलेंज्ड और अभिवंचित वर्ग के बच्चों का एडमिशन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। सोमवार को डीएसई इंद्र भूषण सिंह ने सोनारी स्थित डीएवी स्कूल में निजी स्कूलों के साथ बैठक में मौजूद प्रिंसिपल्स को कहा कि हर हाल में राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत बीपीएल कैटेगरी के बच्चों का एडमिशन होना चाहिए। इन निर्देशों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अभिभावक भरकर दें फॉर्म

डीएसई ने बताया कि बीपीएल एवं अभिवंचित वर्ग के बच्चों के नामांकन को लेकर निर्धारित प्रपत्र में अभिभावकों को फार्म भरकर देना होगा। बच्चों के नामों का अंतिम रूप से चयन शिक्षा विभाग ही करेगा। एजुकेशन डिपार्टमेंट की ओर से प्रेषित सूची ही स्कूलों को माननी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में स्कूलों द्वारा ली गई सभी बच्चों के फार्मो को एजुकेशन डिपाटमेंट को भेज दें, ताकि उसकी स्क्रूटनी हो सके। बैठक में एडीपीओ प्रकाश कुमार, एपीओ अखिलेश कुमार, प्रमोद कुमार, अनएडेड स्कूल के अध्यक्ष बेली बोधनवाला, बी चंद्रशेखरन मौजूद थे।

नहीं आए तीन स्कूलों के प्रिंसिपल

डीएसई के साथ निजी स्कूलों की हुई बैठक में शहर के तीन प्रमुख स्कूलों के प्रिंसिपल को छोड़कर अन्य स्कूलों के प्रिंसिपल उपस्थित रहे। लोयला स्कूल, कारमेल जूनियर कॉलेज और कान्वेंट स्कूल के प्राचार्य बैठक से नदारद रहे। डीएसई की ओर से इस बैठक का ब्योरा शिक्षा विभाग के सचिव को भेजा जाएगा। इसमें किन स्कूलों की भागीदारी नहीं रही, इसका भी जिक्र रहेगा।

एडमिशन पर स्कूल का निर्णय अंतिम

निजी स्कूलों में नर्सरी व एलकेजी में एडमिशन पर स्कूलों का निर्णय ही अंतिम रूप से मान्य होगा। इसमें एजुकेशन डिपाटमेंट का किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। डीएसई ने कहा कि बीपीएल को छोड़ अन्य बच्चों के एडमिशन के मामले में निजी स्कूल प्रबंधन स्वतंत्र है। नामांकन की प्रक्रिया में जिला प्रशासन का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। हां अगर प्रक्रिया के पारदर्शी के न होने की शिकायत विभाग को मिलेगी तो विभाग हस्तक्षेप करेगा।

जुगसलाई पर भी हुआ मंथन

सोनारी में आयोजित बैठक में डीएसई ने इस बात को उठाया कि जुगसलाई में कोई मान्यता प्राप्त स्कूल नहीं है। वैसे में उस क्षेत्र के बच्चों के एडमिशन के लिए स्कूलों को सोचना होगा। इस पर अनएडेड स्कूल के बी चंद्रशेखरन ने कहा कि सेंट जोसेफ स्कूल जुगसलाई में हैं। इस पर डीएसई ने कहा कि स्कूल की ओर से कोई कागजात एजुकेशन डिपाटमेंट को नहीं दिखाया गया है। इस कारण उसकी मान्यता पर विश्वास नहीं किया जा सकता।

समय सीमा तय हो : चंद्रशेखरन

अनएडेड स्कूल के बी चंद्रशेखरन ने प्रिंसिपल की ओर से सवाल उठाते हुए कहा कि इस वर्ग में नामांकन के लिए समय सीमा तय होनी चाहिए। छह माह हम इस वर्ग के बच्चों का एडमिशन नहीं ले सकते। स्कूल द्वारा निर्धारित एडमिशन की तिथि के अंदर ही इन बच्चों का एडमिशन हो। इसके अलावा फीस की रकम को सरकारी स्कूलों के स्वीकृत शिक्षक के पदों को आधार मानकर किया जाय न कि रिक्त पदों को आधार मानकर। चूंकि निजी स्कूल सरकारी स्कूलों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मामले में काफी आगे है। इस कारण बीपीएल बच्चों के मासिक शुल्क में बढ़ोत्तरी होनी चाहिए तथा इसे हर साल स्कूल को मिल जाना चाहिए।

3 साल में बीपीएल मद के लिए सरकार द्वारा नहीं राशी निर्गत नहीं हुई: बोधनवाला

डीएवी कन्या उच्च विद्यालय सोनारी में एजुकेशन डिपाटमेंट द्वारा आयोजित बैठक में अनएडेड स्कूलों के प्रेसिडेंट बेली बोधनवाला ने कहा कि तीन साल से अधिक हो गये सरकार ने बीपीएल मद में अब तक राशि नहीं निर्गत नहीं की है। इसके अलावा बीपीएल बच्चों का फीस 425 रुपया काफी कम है। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों को चिनिया बदाम नहीं खानी है, फीस की समीक्षा होनी चाहिए।

सरकार वहन करेगी बच्चों की फी

निजी स्कूलों की 25 परसेंट सीट पर गरीब बच्चों के एडमिशन को लेकर सरकार ने जो गाइडलाइन तय किए हैं उसके मुताबिक, बच्चों के घर से तीन किमी के दायरे में स्थित निजी स्कूल में उसका एडमिशन कराया जाएगा। बच्चे की फी सरकार वहन करेगी। इसके लिए सरकार की ओर से हर बच्चे के लिए हर महीने 425 रुपए फी तय की गई है। इतना ही नहीं बच्चे के दाखिले के बाद उसका जूता-मोजा और ड्रेस भी सरकार की ओर से दी जाएगी। सरकार की ओर से यह पैसा स्कूल मैनेजमेंट को दिया जाएगा।

नामांकन का आधार एक लाख

निजी स्कूलों में बीपीएल व अभिवंचित वर्गो के बच्चों के नामांकन का आधार आय प्रमाण ही होगा। इसमें सालाना एक लाख रुपये तक की कमाई करने वाले लोग ही आवेदन कर सकते हैं। डीएसई इंद्र भूषण सिंह ने कहा कि एक लाख रुपया तक का आय प्रमाण इस वर्ग के बच्चों के नामांकन के लिए मान्य होगा। इस संबंध में सारी प्रक्रिया पारदर्शी होगी।