छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : एलपीजी गैस की बुकिंग जल्दबाजी में न करें। नहीं तो आपको सालों भर का सब्सिडी गंवाना पड़ सकता है। गलती से दबा गोल बटन आपको गोल-गोल घुमा सकता है। क्योंकि जीरो बटन दबने से गलती से छोड़ी गई सब्सिडी में सुधार के लिए जमशेदपुर में कोई सुविधा नहीं है। इसके लिए एलपीजी के स्टेट हेड ऑफिस में जाना होगा। जानकारों ने बताया कि कंप्लेन करने के बाद भी सुधार में कम से कम तीन महीने का एक्स्ट्रा समय लग सकता है। गलतफहमी में जीरो बटन दबाने से शहर में 60 से अधिक उपभोक्ता हैं जो अब एलपीजी दफ्तरों का चक्कर लगा रहे हैं।

नहीं सुनी जा रही है शिकायतें

तीस जून के बाद गैस एजेंसी संचालक ों ने उपभोक्त ाओं की इस गलती में सुधार करने से भी इंकार कर दिया है। ऐसे में दोबारा सब्सिडी पाने के लिए उपभोक्ता गैस एजेंसी के चक्कर काट रहे हैं। सुविधा ही बनी असुविधा एलपीजी गैस उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए मोबाइल बुकिंग सेवा शुरू की गई थी। कॉल कनेक्ट होते ही वॉइस मेल के जरिए उपभोक्ताओं को बुकिंग करने व अन्य जानकारी दी जाती है। इसमें जीरो दबाने पर सब्सिडी छोड़ने का ऑप्शन भी दिया जा रहा है। कुछ उपभोक्ता गलती से जीरो दबा रहे हैं, ऐसा करते ही उनके खाते में सब्सिडी आनी बंद हो जाएगी। यह मान लिया जाएगा कि उस उपभोक्ता को सब्सिडी की जरूरत नहीं है। सिर्फ जमशेदपुर के शहरी इलाको में 60 शिकायतें मिली है।

संचालक नहीं कर रहे मदद

गलती से बटन दबाने वाले उपभोक्ता एजेंसी संचालकों के पास दोबारा सब्सिडी पाने को पहुंच रहे है, लेकिन अब गैस एजेंसी संचालक उनकी कोई मदद नहीं कर रहे हैं। गैस एजेंसी संचालकों का कहना है कि तीस जून तक वह अपने सिस्टम से इस गलती में सुधार कर रहे थे, लेकिन तीस जून के बाद सॉफ्टवेयर इसे नहीं ले रहा है। ऐसे में उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है।

सुधार होने तक महंगा मिलेगा सिलेंडर

उपभोक्ताओं को इस गलती का सजा महंगा सिलेंडर लेकर भुगतनी पड़ रही है। अब जब तक दोबरा सब्सिडी के लिए उनकी एप्लीकेशन मान्य नहीं होती, तब तक इन्हें महंगा सिलेंडर लेना पडे़गा। ऐसे में हर सिलेंडर पर उपभोक्ताओं को करीब 220 रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पडे़गा।

फर्जी कनेक्शन पकड़ने को सर्वे

जमशेदपुर और जिले में फर्जी गैस कनेक्शन पकड़ने के लिए शीघ्र ही सर्वे शुरू कराया जाएगा। अभी लोगों के खुद सब्सिडी छोड़ने का इंतजार किया जा रहा है। जल्द ही सर्वे शुरू होगा, जिसमें कनेक्शन धारक के नाम, पता का वेरीफिकेशन होगा। फर्जी नाम, पता देने वालों के कनेक्शन रद्द कर दिए जाएंगे।

2 लाख 3 हजार हैं उपभोक्ता हैं

ईस्ट सिंहभूम सिर्फ में 2 लाख 3 हजार कंज्यूमर हैं। यहां पर भारत, इंडेन और एचपी के कुल 21 डिस्ट्रीब्यूटर्स हैं। इसमें 87 फीसदी उपभोक्ताओं ने गैस कनेक्शन को आधार से लिंकअप कराया है।

60 से अधिक उपभोक्ताओं ने भूल से छोड़ दी सब्सिडी

एक डिस्ट्रीब्यूटर के पास हर माह छह से सात मामले आ रहे हैं। पूरे सिटी में औसतन 60 से अधिक उपभोक्ता जीरो बटन दबाकर अपनी सब्सिडी गवां चुके हैं। सोनारी निवासी बंशी कुमार का कहना है कि उन्होंने सिलेंडर लेते समय पूरा पैसा जमा कर दिया। जब काफी दिनों तक सब्सिडी बैंक खाते में नहीं आई तो उन्होंने गैस एजेंसी से संपर्क किया। वहां उन्हें पता चला कि मोबाइल बुकिंग सेवा पर उन्होंने जीरो बटन दबाकर सब्सिडी छोड़ दी है।

जीरो बटन से बचकर

गैस सिलेंडर बुक कराने के लिए जब कस्टमर कंपनी के टोल-फ्री नंबर पर कॉल करता है, तो तब एक महिला की कंप्यूटराइज्ड आवाज ग्राहक को विभिन्न सुविधाओं के लिए निर्धारित मोबाइल के बटन दबाने के लिए कहती है। यहीं पर शून्य यानि शून्य नंबर से सतर्क रहने की जरूरत है। जिन कस्टमर्स को सब्सिडी चाहिए, उन्हें जीरो बटन नहीं दबाना चाहिए। बल्कि थोड़ा रूककर अगली सूचना का इंतजार करें। जो ऐसा नहीं करते है, उन्हें गैस सब्सिडी नहीं चाहिए और आप अपनी गैस सब्सिडी छोड़ रहे है। ऐसा मानकर आपकी सब्सिडी कैंसिल कर दी जाती है। गौरतलब है कि मोबाइल बुकिंग सेवा में जीरो नंबर की जानकारी अपनी इच्छा से गैस सब्सिडी छोड़ने वालों को दी गई है। जो लोग संपन्न हैं और गैस सब्सिडी छोड़ना चाहते हैं वे इस ऑप्शन का यूज कर सकते हैं।