JAMSHEDPUR: नेशनल हाइवे (एनएच)-33 पर उड़ती धूल से लोग काफी परेशान हैं। धूल उड़ने से हाइवे पर कुछ देर के लिए अंधेरा छा जाता है। तेज धूप में वाहनों की आवाजाही से धूल उड़ती है। खासकर दोपहिया वाहन चालकों को धूल से काफी परेशानी उठानी पड़ती है। हाइवे पर उड़ती धूल लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर कर रहा है। सड़क किनारे के दुकानदार, घरों में रहने वाले लोग काफी परेशान हैं। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि फोर लेन निर्माण के लिए महीनों पूर्व एनएच किनारे मिट्टी डाली गई थी। उक्त मिट्टी ने अब धूल का रूप ले लिया है। पानी भी कभी नहीं डाला जाता है। बड़े-बड़े वाहनों के गुजरने से धूल उड़ती है। एनएच की जर्जरता भी धूल उड़ने का एक कारण है। बारिश होने पर धूल से राहत मिलती है।

एनएच पर हैं कई जानलेवा गढ्डे

एनएच 33 बालिगुमा ब्रिज के आस-पास कई जानलेवा गढ्डे हैं। इससे हमेशा सड़क पर दुर्घटना होती रहती है। अगर इसमें सुधार नहीं किया गया तो कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है। एनएच किनारे भी बड़े-बड़े गढ्डे उभर आए हैं। डॉक्टरों ने बताया कि धूल से कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। धूल फेफड़े को नुकसान पहुंचाता है। धूल के फेफड़े में जाने से दमघोंटू रोग होते हैं। दमा सहित अन्य रोग भी धूल से होते हैं।

दुकानों में लगे हैं प्लास्टिक

हाइवे पर उड़ती धूल से बचने के लिए कई दुकानदारों ने अपने दुकान को प्लास्टिक लगा कर घेर दिया है। ताकि धूल अंदर ना घूस सके और वे सभी सुरक्षित रहे।

धूल उड़ने से काफी परेशानी होती है। धूल के कारण एनएच पर जाम भी लग जाता है। दुर्घनाएं भी होती हैं। गर्मी के दिनों में धूल और भी ज्यादा उड़ती है।

उदय सिंह, दुकानदार

उड़ती धूल के कारण वाहन चलाने में काफी परेशानी होती है। एक्सीडेंट होने का खतरा बना रहता है। प्रशासन को इस पर पहल करनी चाहिए।

रवि कुमार, ड्राइवर

हाइवे पर उड़ती धूल से स्वास्थ्य खराब होने का खतरा बना रहता है। धूल से बचने के लिए अपने दुकान के बाहर प्लास्टिक लगा रखा है। धूल के कारण ही सड़क पर कई दुर्घनाएं होती है।

मुस्तफा रजा हासमी, दुकानदार

धूल से दुकान में बैठना मुश्किल हो जाता है। प्रशासन की भी नजर इस ओर नहीं है। रोजाना कई लोग धूल से बीमार हो रहे हैं।

दुलाल कुंडू, दुकानदार