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JAMSHEDPUR: एक अप्रैल से पूरे देश में ई-वे बिल लागू हो गया है। लौहनगरी में भी इसकी शुरुआत हो गई है। एक अप्रेल को 3500 वाहनों, दो अप्रैल को 4000 और तीन अप्रैल को 3600 वाहनों का ई-वे बिल जेनरेट हुआ। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के मुताबिक 50 हजार रुपये से अधिक का माल दूसरे स्टेट में भेजने के लिए ई-वे बिल जरूरी है। शहर में जीएसटी के तहत करीब 25 हजार व्यापारी रजिस्टर्ड हैं, जिनमें 14 हजार व्यापारियों ने ई-वे बिल के तहत रजिस्ट्रेशन कराया है।

भरनी होगी पूरी डिटेल

प्रारंभिक चरण में यह व्यवस्था एक स्टेट से दूसरे स्टेट के लिए माल की आवाजाही पर ही लागू हुई है। प्रदेश के भीतर माल की आवाजाही के लिए ई-वे बिल बाद में लागू होगा। जीएसटी सुपरिंटेंडेंट केके मिश्रा ने बताया कि 50 हजार रुपए से अधिक के माल की ढुलाई के समय ई -वे बिल को पोर्टल से अपलोड करना होगा। इसके बाद जीएसटीएन पोर्टल पर जाकर ई-वे बिल पर क्लिक कर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद फार्म का नाम, वाहन संख्या, माल और वैल्यू डालना होगा। तब जाकर ई-वे बिल जेनरेट होगा। जीएसटी अधिकारी ने बताया कि बिना ई वे बिल के कोई 50 हजार रुपए से ज्यादा का माल एक राज्य से दूसरे राज्य में भेज रहा है तो उस पर 100 परसेंट पेनेल्टी लगेगा। सारा समान नीलाम कर दिया जाएगा साथ ही जेल का भी प्रावधान है।

स्टेट ई-वे बिल जून से

एक स्टेट के दो शहर में माल के परिवहन के लिए स्टेट ई-वे बिल रजिस्टर करना होगा। सेंट्रल ई-वे बिल लागू के बाद दूसरे फेज में जून में झारखंड में स्टेट ई-वे बिल लागू किया जाएगा। एक फरवरी को सेंट्रल ई-वे बिल लागू होने के बाद उसी दिन फेल हो गया था। अधिकारियों के अनुसार एक ही बार में पोर्टल में ज्यादा भार पड़ने की वजह से ऐसा हुआ था। कई सावधानियों के साथ जीएसटी काउंसिल ने एक बार फिर सेंट्रल ई-वे बिल जारी किया है।

इनको मिलेगी छूट

ई-वे बिल से हाउस होल्ड, एलपीजी, पीडीएस केरोसिन, पोस्टल बैगेज, मूल्यवान स्टोन, ज्वैलरी, सोना-चांदी, बर्तन, करेंसी, व्यक्तिगत हाउस होल्ड गुड्स आदि को मुक्त रखा गया है।

इस तरह कराएं रजिस्ट्रेशन

सेंट्रल के ई-वे बिल पोर्टल पर द्ग2ड्ड4ढ्डद्बद्यद्दह्यह्ल.द्दश्र1.द्बठ्ठ करें इंटर

-अपना जीएसटी नंबर डालें

-जीएसटी नंबर डालने के बाद ट्रेड का ऑप्शन आएगा

-फिर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आएगी ओटीपी

-ओटीपी इंटर करने के बाद ई-वे बिल पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हो जाएगा

क्या है ई-वे बिल सिस्टम

ई-वे बिल सिस्टम सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने वाले परिवहन व्यवस्था से जुड़ा है। किसी वस्तु को एक स्टेट से दूसरे स्टेट या फिर स्टेट के अंदर ही ले जाना होता है तो सप्लायर को ई-वे बिल जेनरेट करना जरूरी है। ई-वे बिल प्रॉडक्ट की कीमत और उसके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने में लगने वाले समय और दूरी के आधार पर जेनरेट होगा। इसके तहत 50 हजार रुपए से ज्यादा की कीमत वाले प्रॉडक्ट्स को दूसरे स्टेट में भेजने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जरूरी है। ई-वे बिल की वैधता एक से 15 दिन के लिए मान्य होगी।

व्यापारियों की समस्याओं के समाधान के लिए जीएसटी काउंसिल ने सेंट्रल ई-वे बिल लागू कर दिया है। स्टेट ई-वे बिल जून में दूसरे चरण में झारखंड में लागू कर दिया जाएगा। व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन कराकर ई-वे बिल जेनरेट करने के बाद ही स्टेट के बाहर माल भेजना है। बिना ई-वे बिल जेनरेट किए माल भेजने पर पहली बार पकड़ाने पर 100 प्रतिशत पेनेल्टी और दूसरी बार पकड़ाने पर सारे समान की नीलामी साथ ही साथ जेल का भी प्रावधान है।

-केके मिश्रा, सुपरिंटेंडेंट, जीएसटी, जमशेदपुर