JAMSHEDPUR: जमशेदपुर में गुरुवार को ईद उल फितर का उल्लास रहा। खुशी का यह त्योहार पूरे अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया। मस्जिदों और ईदगाहों में हजारों ने अपने रब को सजदा कर उसका शुक्र अदा किया कि उसने इंसान को रमजान जैसा खास महीना अता फरमाया जिसमें इंसान फ्0 रोजे रखने के बाद अपने माबूद की खुशनूदी हासिल सके। ईद की नमाज आमबगान ईदगाह, जुगसलाई ईदगाह, साकची जामा मस्जिद, धतकीडीह जामा मस्जिद, मानगो की मक्का मस्जिद, मदीना मस्जिद, बारी मस्जिद, नूरी साबरी मस्जिद, जाकिर नगर की मस्जिद-ए-जाफरिया, बर्मामाइंस मस्जिद आदि में अदा की गई। आमबगान ईदगाह में नमाजियों का काफी मजमा था कि लोग सड़कों में जाए नमाज बिछा कर इबादत कर रहे थे।

मो। जावेद ने नमाज अदा कराई

यहां मौलाना मो। जावेद ने ईद की नमाज अदा कराई। उन्होंने अपने खुतबे में मुसलमानों को सभी धर्मो का अदब करने और हर इंसान के लिए अपना बर्ताव नर्म रखने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि ईद के दिन रोजा रखना जायज नहीं है। ईद के दिन सदका-ए-फितर जरूर अदा करना चाहिए। इंसानों के साथ नरमी से पेश आएं। भूखे को खाना खिलाएं और चंद सिक्कों की खातिर झूठ बोल कर अपना ईमान खराब नहीं करें। पड़ोसी का ख्याल रखें चाहे वह किसी भी मजहब का हो। मौलाना जावेद ने लोगों को बताया कि अल्लाह पाक ने आका-ए-नामदार हजरत मोहम्मद मुस्तफा स। को ऐसी जगह भेजा जहां के इंसान बेहद खराब थे। इन इंसानों को ऐसा बना दिया गया कि ऐसे इंसान दुनिया में कहीं नहीं पाए जाते। साकची जामा मस्जिद में खुतबे में पेश इमाम ने लोगों को समझाया कि यह ईद अल्लाह पाक ने हमें कुरबानी के बाद अता फरमाई है। खुशी में इबादतों में इजाफा हो जाता है। हमारे लिए जुमा भी छोटी ईद है। ईद के इस मौके पर अल्लाह पाक की इबादत के साथ उसका शुक्र अदा करें। शव्वाल के इस महीने में छह दिन रोजे रखें। क्योंकि इस महीने छह दिन रोजे रखने वाला हमेशा रोजा रखने वालों में शुमार होता है। यह रोजे महीने में कभी भी और अलग-अलग दिनों में रखे जा सकते हैं।