-वीमेन सेफ्टी बस नाम की, पब्लिक प्लेसेज में भी होती है ईव-टीजिंग

-फोन और सोशल नेटवर्किग साइट्स भी बने परेशान करने का जरिया

JAMSHEDPUR: वीमेन सेफ्टी को लेकर अक्सर बातें होती हैं, पर कहां है वीमेन सेफ्टी? देश में ऐसा माहौल बने जहां महिलाएं खुद को सेफ महसूस करें, हर मंच पर इस बात की पुरजोर वकालत होती है। लेकिन क्या सचमुच ऐसा माहौल दिखाई देता है? शहर की सड़कों पर लड़कियां सेफ नहीं हैं। फोन और इंटरनेट भी उन्हें परेशान करने का जरिया बन गया है। कुछ ऐसा ही हाल जमशेदपुर में भी देखने को मिलता है। किस तरह की परेशानियों से गुजरती हैं शहर की लड़कियां, आई नेक्स्ट ने जानने की कोश्ि1ाश की।

भरे बाजार होती है छेड़छाड़

स्थान-बिष्टुपुर यशकमल कॉम्प्लेक्स के अपोजिट

समय-दोपहर क्.भ्भ् बजे

बिष्टुपुर यशकमल कॉम्प्लेक्स के अपोजिट मेन रोड के किनारे दो लड़कियां खड़ी हैं। तभी स्कूटी और बाइक पर सवार आठ लड़के आते हैं। लड़कियों के बिल्कुल पास आकर इन्होंने अपनी गाडि़यां कुछ इस तरह खड़ी की मानो उनके जाने का रास्ता रोक रहे हों। आराम से गाड़ी खड़ी करने के बाद शुरू होता है कमेंट पास करने का दौर। काफी देर तक ये चलता रहता है। कुछ देर तक वे चुपचाप सबकुछ सुनती हैं और आखिर में वहां से चली जाती हैं। आखिर ऐसे समाज में आखिर लड़कियां विरोध करे भी तो कैसे? यह घटना शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में से एक की है। आते-जाते सबकी नजर इस पर पड़ी, लेकिन किसी को भी जरूरत नहीं महसूस हुई कि वे रुककर उन लड़कियों से पूछें भी कि उन्हें कोई परेशानी तो नहीं

मुश्किल है सड़क पर निकलना

स्थान-साकची स्ट्रेट माइल रोड गोलचक्कर (कीनन स्टेडियम के पास)

समय-दोपहर क्.क्0 बजे

साकची स्ट्रेट माइल रोड पर कीनन स्टेडियम से थोड़ी दूरी पर स्थित गोलचक्कर के एक किनारे पेड़ों की कतार है। एक लड़की पैदल इनके बीच से गुजरते हुए साकची की तरफ जा रही है। इसी बीच दो लड़के आते हैं और लड़की कमेंट पास करते हुए लड़की के पीछे-पीछे चलने लगते हैं। लड़की तेजी से चलते हुए सड़क पर आती है और चुपचाप आगे बढ़ जाती है। शहर के मुख्य सड़कों में से एक पर दिन के वक्त ऐसी घटना सोचने पर मजबूर करती है। अगर किसी व्यस्त सड़क पर दिन के वक्त लड़कियों को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़े, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितना मुश्किल हैं उनके लिए ऐसे समाज में रहना, जहां लोग नारी की पूजा तो करते हैं, पर सम्मान नहीं।

एंटी टीजिंग सेल की लें सहायता

शहर में ईव-टीजिंग जैसे घटनाओं के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस द्वारा एंटी-टीजिंग सेल बनाया गया है। यहां अन-वांटेड कॉल्स, वल्गर एसएमएस/ईमेल्स, एब्यूजिंग और थ्रेटनिंग कॉल्स जैसे मामलों में भी शिकायत की जा सकती है। यह सेल डीएसपी पीसीआर के अंतर्गत कार्य करता है। कई बार इस तरह के मामलों में महिलाएं कंप्लेन करने के लिए पुलिस स्टेशन जाने से कतराती हैं। वैसी स्थिति में एंटी-टीजिंग सेल की मदद ली जा सकती है। क्00 नंबर के जरिए एंटी-टीजिंग सेल पर शिकायत की जा सकती है।

कोई परेशानी हो तो इन नंबर्स पर करें कॉन्टैक्ट कर सकते हैं। इनमें पुलिस सीनियर ऑफिशियल्स सहित शहर के प्रमुख थानों के थानेदार के नंबर भी हैं

पोस्ट नंबर

एसएसपी 9ब्फ्क्70म्ब्80

सिटी एसपी 9ब्7क्क्90ख्0फ्

एसपी रूरल 9ब्70क्99ख्ख्8

डीएसपी पीसीआर 9ब्फ्क्70म्ब्8म्

डीएसपी टाउन 9ब्फ्क्70म्ब्8फ्

साकची 9ब्फ्क्70म्ब्9क्

बिष्टुपुर 9ब्फ्क्70म्ब्97

जुगसलाई 9ब्फ्क्70म्ब्9भ्

सोनारी 9ब्फ्क्70म्भ्07

मानगो 9ब्फ्क्70म्ब्88

कदमा 9ब्फ्क्70म्ब्90

टेल्को 9ब्फ्क्70म्भ्क्0

पुलिस हेल्पलाइन क्00

परेशान करते हैं लड़के

लड़कियों की परेशानी सिर्फ ईव-टीजिंग तक ही सीमित नहीं है। फोन पर सोशल नेटवर्किग साइट्स के जरिए भी उन्हें परेशान किया जाता है। बात अन-वांटेड कॉल्स की करें, तो सिर्फ शहर से ही नहीं, बल्कि देश के अलग-अलग जगहों से कॉल कर लड़कियों को परेशान किया जाता है। डीएसपी पीसीआर जसिंता केरकेट्टा ने बताया कि देश के अलग-अलग शहर से लड़कियों के पास इस तरह के अन-वांटेड कॉल्स आते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल कॉल करने लड़कियों को परेशान करने के क्ब्0 मामले एंटी-टीजिंग सेल में दर्ज किए गए, वहीं इस साल अब तक इस तरह के ब्0 मामले दर्ज हो चुके हैं।

कंप्लेन करने में लगता है डर

शहर में ईव-टीजिंग, अन-वांटेड फोन कॉल्स या अन्य तरीकों से लड़कियों को परेशान करने के मामले आम हैं। पर पुलिस रिकॉर्ड देखने पर गिने-चुने मामले ही नजर आते हैं। इसकी वजह है डर। ऐसे मामलों में ज्यादातर विक्टिम्स कंप्लेन करने से हिचकिचाती हैं। महिला थाना की प्रभारी रह चुकी मंजू कुजूर ने बताया कि इस तरह की शिकायत लेकर आने वाली लड़कियों में सामाजिक बदनामी के डर से इस बात की चिंता रहती है कि यह बात किसी को पता नहीं चले।