JAMSHEDPUR: गरीबों बच्चों के लिए उच्च शिक्षा नीति में मुफ्त एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी होनी चाहिए। प्राथमिक पाठशाला से लेकर उच्चतम शिक्षा तक गरीबी से मुक्ति की भावना और नीति काम करनी चाहिए। ये बातें गरीबों को उच्च शिक्षा कैसे मिले विषय पर युवा शिक्षा विद सह एलबीएसएम कॉलेज के ¨हदी विभाग के प्रोफेसर डॉ। अविनाश कुमार ने कहीं। उन्होंने कहा कि गरीबों को उच्च शिक्षा मिलने पर ही देश भर में समानता आएगी। इसके लिए समीकृत राष्ट्रीय शिक्षा नीति, परंपरागत और रोजगार परक शिक्षा का पाठ्यक्रम बनें। जनजातीय क्षेत्रों की उच्च शिक्षा में जनजातीय ज्ञान परंपरा को जगह मिले।

स्कूल लेवल पर करें जागरूक: डॉ। माहांती

प्रत्येक बच्चों को शिक्षा पाने का हक है। अगर यह किसी को नहीं मिल रहा है तो हमारा समाज व स्कूल इसके लिए दोषी है। ये बातें जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ। शुक्ला मोहंती ने कहीं। उन्होंने गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए स्कूल स्तर पर जागरूक करने पर बल दिया। कहा क्लास क्0 में अध्ययन के दौरान ही गरीब व मेधावी छात्रों को स्कूलों को यह बताना चाहिए कि कौन-कौन से सरकारी कॉलेज हैं, जहां गरीब मेधावी छात्रों के लिए अलग से व्यवस्था है। फीस नहीं लगती है या फिर फीस कम है। इसके अलावा अगर एसटी, एससी व ओबीसी के छात्र अगर वोकेशनल कोर्स करना चाहते हैं, तो सरकार इन छात्रों की फीस ¨रबर्स करने की व्यवस्था करें या फिर पढ़ाई का खर्च उठाने को तैयार रहे। यह भी नहीं होने पर आजकल कई संस्थाएं ऐसी हैं, जो गरीब मेधावी बच्चों को पढ़ाने का खर्च उठा रही हैं। इन सबके लिए स्कूल, समाज व बच्चों को जागरुक होना पड़ेगा। आज शिक्षा के लिए कई साधन उपलब्ध है।