छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों को अब पूरा जंगल का नजारा के लिए वन विभाग के द्वारा विशेष तरह का गाड़ी की सुविधा मुहैया कराने जा रही है। जानकारी हो कि 193 वर्ग किलोमीटर क्षेचाफल में फैले दलमा पहाड़ी हाथियों के लिए संरक्षित है। यहां हाथी के अलावा सैकड़ों प्रकार के जीव जंतु चासकर विलुप्त हो रहे लाल गिलहरी, राष्ट्रीय पक्षी मोर बड़ी संख्य में पाए जाते हैं। इसके अलावा सैकड़ों प्रकार के जड़ी-बूटी के पेड़-पौघ्धे व नाना प्रकार के फूल के पौधे पाए जाते हैं। जंगल में जाने से ही लोगों को ऐसा लगता है कि वह कहीं बाहर तो नहीं आ गए है।

किया जा रहा विकसित

इस संबंध में दलमा के डीएफओ कमलेश कुमार पांडेय कहते हैं कि दलमा को इस्को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। डीएफओ कहते हैं कि दलमा में आने वाले लोग जानकारी के अभाव में अपने गाड़ी से जंगल के अंदर नहीं जा पाते थे और जंगल व जंगली जानवरों के अनुभूति से वंचित रह जाते चो। डीएफओ ने बताया कि पर्यटकों की मांग पर वह एक बड़ा ट्रक को दलमा के रंग में रंग रहे हैं। इसमें 20-25 लोगों को बिठाकर जंगल में घुमाया जा सकेगा। इसके लिए प्रति व्यक्ति 100 रुपये किराए के रुप में लिया जाएगा। यह सुविधा इसी माह में शुरू होगी। डीएफओ ने बताया गाड़ी को नो प्राफिट नो लॉस पर चलाया जाएगा।

पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र

हनुमान मंदिर, शिव मंदिर, पिंडराबेड़ा, मैंझलाबांधा, निचला बांधा, बंबू हट, नेचुरल इंटरप्रिटेशन सेंटर, हिरण पार्क, एलिफेट रेस्क्यू सेंटर आदि।

दलमा में पाए जाने वाले जानवर

हाथी, भालू, बार्किंग हिरण, नेवला, मोर, बंदर, सांप, लाल गिलहरी, खारगोश, लोमड़ी, लकड़बघ्घा, जंगली कुत्ता, सुअर के अलावा सैकड़ों प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं।