-छत पर कबाड़ का अंबार है, खुली हैं पानी की टंकियां

-बढ़ गया है डेंगू और जापानी इंसेफ्लाइटिस का खतरा

kanakraj.pathak@inext.co.in

JAMSHEDPUR: मलेरिया, जापानी इंसेफ्लाइटिस और डेंगू से बचने के लिए जरूरी है कि अपने घर के आसपास जल जमाव नहीं हो, आसपास कूड़े का ढेर नहीं रहे। इससे मच्छरों के पनपने की आशंका बढ़ जाती है। सरकारी विज्ञापन में यही बात कह कर लोगों को अवेयर किया जा रहा है, लेकिन कोल्हान का सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल खुद अवेयर नहीं है। हॉस्पिटल में तो गंदगी है ही, उसकी छत पर कबाड़ का अंबार है, इनमें से कई चीजों में बारिश का पानी जमा है। इतना ही नहीं पानी की टंकियां खुली हुई हैं। ताज्जुब की बात तो यह है कि इस बारे में हॉस्पिटल मैंनेजमेंट को जानकारी ही नहीं है। इससे जापानी इंसेफ्लाइटिस और डेंगू मच्छरों के पनपने का खतरा बढ़ गया है।

बीमारी को दावत

एमजीएम हॉस्पिटल की छत पर डेंगू, मलेरिया और जापानी इंसेफ्लाइटिस के मच्छरों को खुला आमंत्रण दिया जा रहा है। छत पर रखी गईं आधा दर्जन पानी की टंकियां खुली हैं। इनकी सफाई सालों से नहीं हुई है। इसमें काई और गंदगी जमा हो गई है। छत पर ही पुराने बेड, चौखट, किवाड़, डीप फ्रीजर, हॉस्पिटल के डॉक्यूमेंट, एसी, स्लाइन स्टैेंड सहित तमाम तरह के कबाड़ रखे गए हैं। इन कबाड़ों में कई ऐसी चीजें हैं जिनका साधारण मरम्मति के बाद यूज हो सकता था। लेकिन लापरवाही की वजह से इनका उपयोग नहीं हो सका।

आइसोलेशन वार्ड पर ठेकेदार का कब्जा

शहर में डेंगू और जापानी इंसेफ्लाइटिस ने अपने पांव पसार दिए हैं। अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक मरीजों में डेंगू व जेई की पुष्टि भी हो चुकी है, लेकिन अब तक एमजीएम हॉस्पिटल मैनेजमेंट की नींद नहीं खुली है। डेंगू पीडि़तों के इलाज के लिए यहां आइसोलेशन वार्ड तो बना है, लेकिन सुविधाएं कुछ भी नहीं हैं। वार्ड में ठेकेदारों का कब्जा है। एमजीएम हॉस्पिटल में कंस्ट्रक्शन वर्क कर रहे ठेकेदार के कर्मचारी वार्ड के अंदर रहने, खाने-पीने व सोने का समान रखते हैं। इन सभी बातों से अनजान रहे एमजीएम सुपरिंटेंडेंट आरवाई चौधरी ने बुधवार को जब आइसोलेशन वार्ड का जायजा लिया तो उनका पारा सातवें आसमान पर था। आइसोलेशन वार्ड में इस तरह के कब्जेदारी को तुरंत हाटने का निर्देश दिया।

एमजीएम सुपरिंटेंडेंट से सीधी बात

सवाल-पानी की टंकियां खुली क्यों हैं?

जवाब-पानी की टंकिया खुली हुई हैं। इसकी जानकारी मुझे नहीं थी। ऊपर में काम करने के वक्त मिस्त्री लापरवाही से टंकियों के ढक्कन खुले छोड़ देते हैं। वैसे हॉस्पिटल में नई पानी की टंकियां लगानी है।

सवाल-कब से रखा गया है कबाड़?

जवाब-भ्0 साल से अधिक पुराने कबाड़ हैं। हॉस्पिटल जबसे बना है तब से एक बार भी ऑक्शन नहीं हुआ है।

सवाल-क्या एसी भी भ्0 साल पुराना है?

जवाब-नहीं एसी पुराना नहीं है। उसे हाल में लगाया गया था, लेकिन खराब होने की वजह से ऊपर रख दिया गया है।

सवाल-छत पर कबाड़ क्यों रखा गया है?

जवाब-एमजीएम हॉस्पिटल बनने के बाद से ही ये सारे सामान छत पर पड़े हैं। इनका ऑक्शन होना है। जल्द ही इसके लिए टेंडर निकाला जाएगा।