-आज है गुरु पूर्णिमा, आई नेक्स्ट ने जानने की कोशिश की गुरु की महत्ता के बारे में

-कुछ सफल शख्सियत, स्टूडेंट्स और अन्य लोगों से गुरु के बारे में पूछे गए कई सवाल

JAMSHEDPUR: गुरु जो हमारे जीवन को सही राह पर ले जाते हैं। गुरु के बिना यह जीवन बहुत अधूरा है। यूं तो हम इस समाज का हिस्सा हैं ही, लेकिन हमें इस समाज के लायक बनाते हैं गुरु। गुरु न सिर्फ शिक्षक होता है, बल्कि हमें जीवन के हर मोड़ पर राह दिखाने वाला शख्स होता है उसको समर्पित है आज गुरु पूर्णिमा। इस मौके पर आई नेक्स्ट ने कुछ सफल शख्सियत, स्टूडेंट्स और अन्य लोगों से गुरु की महत्ता के बारे में जानने की कोशिश की। हमने उनसे तीन सवाल पूछे-क्। गुरु का मतलब क्या है? ख्। आपके जीवन में गुरु का क्या महत्व है? और फ्। एक अच्छे गुरु में आप क्या खोजते हैं? क्या-क्या जबाव आए आइए जानते हैं

अंधकार दूर करता है गुरु

गुरु वही है जिससे हम कुछ ऐसा सीखें जो हमारी उन्नति में सहायक हो। गुरु ज्ञान का प्रकाश देने वाले और अन्धकार को दूर करने वाले होते हैं। इनके सान्निध्य में व्यक्ति सतमार्ग पर चलकर सफलता को प्राप्त करता है। इस गरिमामय पद में व्यापार जैसे शब्द नहीं होना चाहिए। लेकिन आजकल ढोंगी गुरु इस गौरवपूर्ण पद को कलंकित कर रहे हैं।

-शुभम मिश्रा, स्टूडेंट, एनआईटी

गुरु, व्यक्ति और ईश्वर के बीच की कड़ी

गुरु का दर्जा भगवान के बराबर माना जाता है क्योंकि गुरु, व्यक्ति और ईश्वर के बीच एक कड़ी का काम करते हैं। संस्कृत के शब्द गु का अर्थ है अन्धकार, रु का अर्थ है उस अंधकार को मिटाने वाला। यानी जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का रास्ता बताए वह गुरु है।

-सिद्धार्थ, स्टूडेंट, एमजीएम कॉलेज

गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं

हर कदम पर गुरु की जरूरत है। समय और परिस्थितियों के अनुसार गुरु भी बदलते हैं। जीवन की शुरुआत माता-पिता जैसे गुरु के पदचिह्नों से होती। स्कूल में शिक्षक हमारे गुरु बनते हैं। करियर को बनाने में भी कई गुरुओं का अहम योगदान है। गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं है।

रुचिका, स्टूडेंट, एमजीएम कॉलेज

गुरु आत्मबल जगाता है

आत्मबल को जगाने का काम गुरु ही करते हैं। गुरु अपने आत्मबल द्वारा शिष्य में ऐसी प्रेरणाएं भरता है, जिससे कि वह अच्छे मार्ग पर चल सके। अच्छे गुरु शिष्यों की अंत:शक्ति को जागृत करने का ही काम नहीं करते, बल्कि उसे हर संभव विकसित करने का उपाय बताते हैं।

-खुशबू कुमारी, स्पो‌र्ट्स पर्सन

गुरु का दर्जा सबसे ऊंचा

जीवन में गुरु का दर्जा सबसे ऊंचा है। गुरु उस कुम्हार की तरह होता है जो कच्ची मिट्टी रूपी विद्यार्थियों को मेहनत से पका कर नई ऊंचाई तक पहुंचाता है। अच्छे गुरु की हमेशा कद्र होती है। इसका उदाहरण आपके सामने हैं। देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम जैसे गुरु को खोने का गम पूरे देश को है।

-चंदन कुमार झा, सिटी एसपी, जमशेदपुर

जीवन को संवारते हैं गुरु

गुरु पूरे जीवन को संवारते हैं। लेकिन तकनीकी युग में ऐसे गुरुओं की कमी दिखती है। बड़े-बड़े कोचिंग संस्थानों में गुरु तो दिखते हैं लेकिन जो गुरु शिष्य का रिश्ता होता है वह नहीं दिखता है। न तो गुरु ऐसे हुए न तो वैसे शिष्य दिखाई देते हैं। लेकिन उम्मीद किरण वहीं से दिखाई पड़ती है।

-अर्जुन खत्री, स्पो‌र्ट्सपर्सन

गुरु पूर्णिमा का महत्व

आचार्य एके मिश्र ने बताया कि गुरु के प्रति नतमस्तक होकर कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है गुरु पूर्णिमा। गुरु के लिए पूर्णिमा से बढ़कर और कोई तिथि नहीं हो सकती। जो स्वयं में पूर्ण है, वही तो पूर्णत्व की प्राप्ति दूसरों को करा सकता है। पूर्णिमा के चंद्रमा की तरह जिसके जीवन में केवल प्रकाश है, वही तो अपने शिष्यों के अंत:करण में ज्ञान रुपी चंद्र की किरणें बिखेर सकता है। इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। गुरुकृपा असंभव को संभव बनाती है। गुरु कृपा शिष्य के हृदय में अगाध ज्ञान का संचार करती है।