छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : हाईकोर्ट ने दलमा अभ्यारण्य में नरसिंह इस्पात कंपनी द्वारा प्लांट लगाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार स्वयं के वनों का सही तरीके से ध्यान नहीं रख रही है। मुख्य न्यायाधीश वीरेंदर सिंह और न्यायमूर्ति पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए कहा कि यही मुख्य कारण है कि राज्य के वन क्षेत्रों में लगातार कमी हो रही है और यहां के मौसम में साल दर साल बदलाव आ रहा है।

जंगल का अतिक्रमण

खगेन महतो की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि वन क्षेत्र की जमीन पर अतिक्रमण कर प्लांट लगाया गया है। जबकि कंपनी की ओर से रैयती जमीन पर प्लांट लगाने की बात कही गई और आरोपों से इन्कार किया गया। दूसरी ओर प्रदूषण बोर्ड की ओर से बताया गया कि पूर्व में दी गई संचालन सह अनुमति को रोकते हुए नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है।

दर्ज की गई है तीन एफआईआर

सरकार की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि कंपनी के खिलाफ तीन प्राथमिकियां भी दर्ज की गई हैं। अदालत ने इसके बाद याचिका निष्पादित कर दी और सरकार को नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश दिया।

दो वर्ष की सजा व जुर्माना

प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश के न्यायालय ने जाति सूचक शब्द का प्रयोग कर अपमानित किए जाने के मामले में दोषी पाते हुए परसुडीह के सरजामदा निवासी वीरेंद्र सिंह को 500 रूपये जुर्माना और दो वर्ष की सजा सुनाई है। आरोपी के सहयोगी विशेष सिंह, वरूण सिंह एवं एक अन्य को एक वर्ष के लिखित ब्रांड पर बरी कर दिया गया। सभी के खिलाफ 24 फरवरी 2008 को परसुडीह थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।

ताला तोड़ सामान ले जाने के मामले में बरी

एसडीजीएम के न्यायालय ने दुकान का ताला तोड़ने और दुकान से सामान गायब करने के आरोपी असरफ को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। असरफ का सहयोगी नसीम मामले में अब तक फरार है। दोनों के खिलाफ उलीडीह थाने में पप्पू सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। शिकायत में उसका आरोप था कि असरफ और नसीम उसकी दुकान पर पहुंचे और दुकान का ताला तोड़ सामान टेम्पो पर ले जाने लगे। इसकी जानकारी पड़ोसी दुकानदार ने दी। उसने सूचना उलीडीह थाने को दी। पुलिस को देख आरोपी टेम्पो छोड़ भाग निकले।