छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : पिछले 15 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दूसरी बार इजाफा और बेमौसम की बारिश से फसलों को हुए नुकसान से एकबार फिर महंगाई का जिन्न बोतल से बाहर निकला है। एक तो पहले से ही कई अनाजों के दाम में तेज उछाल आ चुका है और अब पेट्रोल-डीजल महंगा होने से महंगाई के आसमान छूने का खौफ लोगों को सता रहा है। डीजल के दाम बढ़ने से खाद्य पदाथरें समेत सभी जरूरी चीजों की ढुलाई महंगी होने से इनकी कीमतें बढ़ेंगी जिससे आम लागों के घर का बजट गड़बड़ा सकता है। दुकानदारों का कहना है कि कि महंगाई का जो ग्राफ बढ़ना शुरू हुआ है यह गर्मी बढ़ने के साथ ही और तेजी से बढ़ेगा।

15 दिन में डीजल 5.08 रुपए महंगा

पिछले एक पखवाड़े में डीजल के दाम में 5.08 रुपए और पेट्रोल की कीमत में 7.09 रुपए का इजाफा हो चुका है। शुक्रवार की मध्य रात्रि से पेट्रोल की कीमत 3.13 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल के दाम 2.71 रुपये प्रति लीटर बढ़ गए हैं। इससे पहले 30 अप्रैल को पेट्रोल के दाम 3.96 रुपये तथा डीजल के दाम 2.37 रुपये प्रति लीटर बढ़ाए गए थे। फरवरी के बाद से तेल कंपनियों ने चौथी बार दोनों के रेट बढ़ाए हैं। 16 फरवरी को पेट्रोल 82 पैसा और डीजल में 61 पैसा महंगा हुआ था। 9 मार्च को पेट्रोल 3.18 रुपए और डीजल रुपए महंगा हुआ। हालांकि, 2 अप्रैल व 16 अप्रैल को पेट्रोल के दाम में क्रमश: 49 पैसे व 80 पैसे प्रति लीटर, जबकि डीजल के दाम में 1.12 रुपये व 1.30 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी।

महंगाई बढ़ने की ये हैं वजहें

-ट्रांसपोर्टेशन का महंगा होना : डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी से ट्रांसपोर्टेशन महंगा हो रहा है। इस वजह से खाद्य पदाथरें समेत सभी जरूरी चीजों की ढुलाई बढ़ेंगी, जिसका असर इसकी कीमत पर पड़ेगा।

-कम पैदावार का असर : बेमौसम की बारिश से दलहन हो या गेहूं, सरसों हो या मसाले, पूरे देश में फसल बर्बाद हुई है। कम पैदावार का असर अब कीमतों पर दिखने लगा है। दालों के दाम जहां आसमान छू रहे हैं, वहीं तिलहन की भी कीमत बढ़ गई है। इतना ही नहीं, खेत में लगे धान के फसल को भी बारिश व ओले से काफी नुकसान पहुंचा है, जिस कारण अनाजों के दाम बढ़ रहे हैं।

3-सस्ती सब्जी पर आई आफत

बेमौसम की आंधी-बारिश और ओले बरसने से सस्ती सब्जियों पर आफत आ गई है। सैकड़ों एकड़ में लगी कई सब्जियों के बर्बाद होने की आशंका मंडरा रही है। अभी सब्जियां काफी सस्ती हो गई थी, लेकिन इसके एकबार फिर आसमान चढ़ने की आशंका है।

-कमजोर मॉनसून का सता रहा डर

इस साल कमजोर मॉनसून रहने का डर अभी से महंगाई को आग लगा रही है। चाहे दाल हो या तेल या फिर मशाला अथवा गेहूं, सबकुछ पिछले कुछ महीनों में तेजी से महंगा हुआ है। दाल और मसाले 1 महीने में 40 फीसदी तक मंहगे हुए हैं। ऐसे में इस महंगाई का सीधा असर हमारी जेब पर पड़ रहा है।

40 परसेंट तक बढ़ चुके हैं दाल के दाम

पिछले एक महीने के दौरान दालों के दामों में 40 परसेंट तक का इजाफा आ चुका है। अरहर, मटर, चना, उरद, मसूर की दालें काफी महंगी हो चुकी हैं। व्यापारियों की मानें तो, जून-जुलाई तक दालों के दाम में उछाल आने की आशंका मंडरा रही है। इतना ही नहीं, धनिया, जीरा और हल्दी का दाम में भी पिछले 1 महीने में 20-25 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। मशालों के दाम में भी आग लगी हुई है, जबकि सरसों और सोयाबीन जैसे तिलहन के दाम भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में लोगों को महंगाई की आंच खूब झुलसा रही है।

बढ़े सत्तू, पापड़, बेसन का भी दाम

दाल के भाव बढ़ने से सत्तू, बेसन, पापड़, अदौरी आदि तमाम सामानों की कीमतों में वृद्धि हुई है। आमतौर पर 45 रुपए में मिलने वाला लिज्जत पापड़ अब 62 रुपए में मिल रहा है। सत्तू 65 रुपए केजी से बढ़ कर 90 रुपए पर केजी हो गया है। बेसन 60 से बढ़कर 80 रुपए पर केजी हो गया है।

कितनी बढ़ी है कीमत

सामान अभी का रेट अप्रैल का रेट (रुपए में)

मसूल दाल 95 75

मूंग दाल 130 95

उड़द दाल 110 75

अरहर दाल 110 90

चना दाल 70 55

सरसो तेल 105 90

सरसो 60 55 (सौ ग्राम)

मेथी 180 120 (सौ ग्राम)

हल्दी 67 55 (सौ ग्राम

काली मिर्च 95 85

धनिया 112 100

लिज्जत पापड़ 62 45

सत्तू 90 65

बेसन 80 60

तीन महीनों में कितना बढ़ा पेट्रोल-डीजल

तारीख पेट्रोल डीजल (बढ़ोत्तरी प्रति लीटर)

15 मई 3.13 2.71

30 अप्रैल 3.96 2.37

9 मार्च 3.18

16 फरवरी 82 पैसा 61 पैसा

(नोट- 2 अप्रैल व 16 अप्रैल को पेट्रोल के दाम में क्रमश: 49 पैसे व 80 पैसे प्रति लीटर, जबकि डीजल के दाम में 1.12 रुपये व 1.30 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी.)