-अनशन पर बैठे एनआईटी के रिटायर्ड टीचर्स व स्टाफ

-सैटरडे से स्टार्ट हुआ क्रमिक अनशन

-रिटायर्ड टीचर्स और स्टाफ कर रहे पेंशन की मांग

JAMSHEDPUR: आदित्यपुर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) में सैटरडे से रिटायर्ड कर्मियों ने पेंशन की मांग को लेकर कॉलेज के एडमिनिस्ट्रेटिव गेट के समक्ष क्रमिक अनशन शुरू कर दिया। अनशनकारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो क्0 फरवरी से वे आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। सैटरडे से शुरू हुए क्रमिक अनशन पर ख्9 रिटायर्ड कर्मियों के अलावा उनके फैमिली मेंबर्स भी बैठे हैं।

नहीं मिल रहा है पेंशन

छह सितंबर क्999 से पहले के रिटायर्ड टीचर्स और कर्मचारी पेंशन की मांग कर रहे हैं। उन्हें पेंशन नहीं मिला रहा है। पहले दिन क्रमिक अनशन पर भगीरथी महतो, रघुनाथ महतो, एनसी ऋृषि, नारायण चंद्र संतरा, अंबिका चंद्र शर्मा, एनपी चौधरी, आरपी वर्मा, सुरेश महतो, रामा भगत, महावीर मोदी सहित ख्8 बुजुर्ग बैठे हैं।

क्या कहते हैं अनशनकारी

रिटायर्ड कर्मियों ने बताया कि वर्ष क्97ख् में केंद्र सरकार से आदेश आया कि सभी आरटीआई कॉलेज में ट्रीपल बेनफीट स्कीम लागू किया जाए। इसमें क्0 वर्ष बाद बीओजी आरआइटी ने शुरू किया और कहा कि एक अप्रैल क्99ख् से पेंशन लागू किया जाए। इसके बाद इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर ने कर्मचारियों से ऑप्सन मांगा कि पुराना स्कीम (सीसीपीएफ) या नया स्कीम (पेंशन, फेमिली पेंशन व सीसीपीएफ) में क्या चाहते हैं? कर्मचारियों ने नए स्कीम ऑप्शन को चुना। इसके बाद बीओजी आरआईटी ने इसे अनुमोदन के लिए तत्कालीन बिहार सरकार के पास भेजा, लेकिन बिहार सरकार ने इसे नौ वर्ष तक लटकाये रखा। अंत में छह सितंबर क्999 में पेंशन देने की स्वीकृति प्रदान की गई, लेकिन श‌र्त्त रखी कि छह सितंबर क्999 के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पेंशन दिया जाय और इससे पहले रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पेंशन नहीं दिया जाए। उन्होंने कहा कि पेंशन नहीं मिलने से कर्मचारियों का गुजर-बसर करना मुश्किल हो गया है।

की गई बदसलूकी

अनशन पर बैठे रिटायर कर्मियों के क्रमिक अनशन का कवरेज करने गए मीडिया कर्मियों से भी बदसलूकी की गई। वहां मौजूद स्टूडेंट्स ने कहा कि बिना परमीशन न्यूज कवरेज करने नहीं दिया जाएगा। इस दौरान फोटोग्राफर्स से कैमरा छीनने का भी प्रयास किया गया। बाद में जब रिटायर्ड कर्मी एकजुट हुए तो स्टूडेंट्स बचाव की मुद्रा में आ गए और मौजूद लोगों से माफी भी मांगी। ऐसा नहीं है कि एनआईटी में मीडिया पर हमले की यह पहली घटना है। इससे पहले भी इस तरह की घटना हो चुकी है। लोगों का कहना था कि एनआईटी मैनेजमेंट के इशारे पर ही स्टूडेंट्स की ओर से इस तरह की हरकत की जाती है।