- सिटी के विभिन्न फॉर्म दुकानों में फर्जी फॉर्म बिक रहे हैं

-बिना किसी जांच के अप्लाई कर रहे हैं युवा, सावधानी जरूरी

kanakraj.pathak@inext.co.in

JAMSHEDPUR: नौकरी देने के नाम पर सपनों के सौदागर शहर में घूम रहे हैं। बेहतर जीवन का सपना दिखाने वाले ये ठग फॉर्म शॉप, बुक स्टॉल और स्टेशनरी की दुकानों से फॉर्म की सेलिंग कराते हैं। इसमें कई फॉर्म फर्जी होते हैं। जिनका कोई अता-पता नहीं होता। नौकरी की चाह में बेरोजगार युवा इनके झांसे में आसानी से आ जाते हैं। सिटी के विभिन्न फॉर्म दुकानों में फर्जी फॉर्म बिक रहे हैं बिना किसी जांच के युवा इनमें अप्लाई भी कर रहे हैं।

रहें जरा सावधान

मर्चेट नेवी में भर्ती के लिए कई संस्थाओं की ओर से वैकेंसीज निकाली गई है। लेकिन खास बात यह है कि इनकी वेबसाइट पर वैकेंसी का फॉर्म अपलोड नहीं किया गया है। लेकिन फॉर्म में दिए गए नंबरों पर बात करने पर बताया गया कि कुछ टेक्निकल फॉल्ट्स के चलते अपलोड नहीं किया गया है। आवेदन के नाम पर ब्00 रुपए नगद मांगे गए हैं। इसके अलावा आईटीआई, प्लेसमेंट और काउंसिलिंग के नाम पर कई तरह के फॉर्म बाजार में बिक रहे हैं। मर्चेट नेवी के लिए तैयारी करा रहे एजुकेशन सेंटर मर्चेट नेवी में जॉब का विज्ञापन निकाल रही है। डेक कैडेट्, इंजिन कैडेट, सीमैन, ट्रेड मैन, कुक, जेनरल स्टूव‌र्ड्स सहित कई पदों के लिए फॉर्म बाजार में बिक रहे हैं। फॉर्म के प्रॉस्पेक्टस में कहीं यह जिक्र नहीं है कि आवेदन नौकरी के लिए मांग रहा है या एजुकेशन के लिए। नर्सिग, आईटीआई, जूनियर इंजीनियर, इंजीनियर, फॉर्मासिस्ट में नौकरी दिलाने के साथ-साथ विदेशों में नौकरी दिलाने का दावा करने वाले कई फर्जी फॉर्म मार्केट में बिक रहे हैं।

बनाते हैं बहाने

सी मेरीन इंस्टीट्यूट के मुन्ना तिवारी नामक व्यक्ति से मोबाइल नंबर 9फ्8म्8म्970म् पर बात की गई। उनसे पूछा गया कि फॉर्म को बेवसाइट पर क्यों नहीं दिया गया। मुन्ना का जवाब था कि टेक्नीकल फॉल्ट होने के कारण वेबसाइट पर नहीं डाला जा सका। यह पूछने पर कि फीस कैसे देना होगा तो उनका जवाब था कि एग्जाम के समय नगद ब्00 रुपए देने होंगे। सीलेंस मेरीनटाइम एकेडमी की ओर से भी मर्चेट नेवी का फॉर्म जारी किया गया है। लेकिन संस्था की वेबसाइट पर कहीं भी इम्प्लॉयमेंट का जिक्र नहीं किया गया है। वेबसाइट की लिंक अप्लीकेशन फॉर्म क्लिक करने पर प्रोस्पेक्टस तो नहीं दिखता है, लेकिन अप्लीकेशन फॉर्म का फॉर्मेट पीडीएफ फाइल जरूर दिख जाता है।

इस साल सामने आए ठगी के कुछ मामले

ख्7 मार्च ख्0क्भ्

रेलवे में नौकरी का झांसा देकर ठगे ब्ख् लाख

घाटशिला अनुमंडल के एक ठग गिरोह ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ओडिशा के एक दर्जन लोगों से करीब ब्ख् लाख रुपये ठगने का मामला प्रकाश में आया है। इसका खुलासा तब हुआ जब ओडिशा के मयूरभंज निवासी दो युवक उन ठगों को खोजते हुए जादूगोड़ा पहुंचे और एक राजनेता को आपबीती बतायी। भ् लाख 80 हजार रुपये ठगे गए थे।

0म् मार्च ख्0क्भ्

बदरपुर नई दिल्ली-ब्ब् के रहने वाले दिवाकर कुमार से टाटा पावर और टिनप्लेट कंपनी में नौकरी का झांसा दिलाकर तीन लाख रुपए ठग लिए गए थे। पीडि़त दिवाकर कुमार ने झारखंड के मुख्य सचिव सहित सभी अधिकारियों को डाक द्वारा आवेदन भेजकर आरोपी पर कड़ी कारवाई की मांग की थी। दिवाकर ने बताया था कि टाटा पिगमेंट में कार्यरत कुछ कर्मियों ने नौकरी का झांसा दिया।

क्0 अप्रैल ख्0क्भ्

कुवैत में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी का मामला क्0 अप्रैल को उजागर हुआ था। एसएसपी एवी होमकर के निर्देश पर एमजीएम थाने में कपाली इसलामनगर के मो अरशद इमाम अंसारी के बयान पर चेपापुल स्थित ग्लैक्सी कंपनी के संचालक सह बर्मामाइंस निवासी कुदरत अली, कोलकाता के जेडी खान रोड के कासिफ खान तथा हामिद खान को आरोपी बनाया गया है। ग्लैक्सी कंपनी का मुख्य कार्यालय कोलकाता के जुबराई स्कूल रायफल रोड में हैं। घटना के बाद ऑफिस बंद है।

क्8 मई ख्0क्भ्

टाटा ग्रुप नौकरी दिलाने वाले दो ठग गिरफ्तार

टाटा ग्रुप में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले दो आरोपियों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। बेगूसराय जिला से रूपेश कुमार और अभिषेक कुमार गिरफ्तार किया गया है। सिटी एसपी चंदन झा ने बताया कि ठगी के शिकार अमित कुमार के बयान पर पुलिस दोनों की खोजबीन कर रही थी। गिरोह के सदस्यों ने अमित और उसके भाई से 87 हजार रुपए ठग लिए थे। गिरोह की ओर से फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी जारी किया गया था। आरोपियों के पास से तीन फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, ज्वाइनिंग लेटर का प्रिंट फॉर्मेट भी बरामद किया गया है।

मार्केट में मिलने वाले फॉर्म की जांच कर लेनी चाहिए। एंप्लॉयमेंट न्यूज में सारी जानकारी होती है। उससे मिला लेना चाहिए।

-आस्था

फर्जी फॉर्म की पहचान आसानी से हो जाती है। असली फॉर्म में हमेशा डीडी का मांग की जाती है, लेकिन फर्जी फॉर्म कैश डिमांड करते हैं।

नेहा

गवर्नमेंट डिपार्टमेंट में निकलेवाले रिक्रूटमेंट की जानकारी तो एंप्लॉयमेंट न्यूज में होती है। लेकिन प्राइवेट सेक्टर में निकलने वाले रिक्रूटमेंट पर हमेशा डाउट रहता है।

-श्रुति

प्राइवेट सेक्टर की ओर से निकलने वाले एडवर्टिजमेंट में ऐसी ऑथोरिटी होना चाहिए, जो इसे एप्रूव्ड करे। ताकि बोरोजागरों के साथ फर्जीवाड़ा न हो पाए।

-स्वाति

निजी कंपनियों में निकलने वाले विज्ञापनों के फॉर्म उसके एजेंट यहां पहुंचाते हैं। हमलोगों का काम सिर्फ बेचना है।

-अब्दुल, फॉर्म बिक्रेता