-एमजीएम के चूहे खा रहे लाश

-परिजनों ने हॉस्पिटल मैनेजमेंट पर लगाया लापरवाही का आरोप

JAMSHEDPUR: महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में चूहों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार की रविवार की रात चूहों ने फिर एक डेड बॉडी कुतर डाली। दरअसल, जुगसलाई गौरीशंकर रोड स्थित ईदगाह मैदान निवासी (भ्0 वर्षीय) मो। मुहम्मद आलम की तबीयत शनिवार को खराब हुई। इसके बाद उसे एमजीएम हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान रविवार की रात करीब क्0.फ्0 बजे उनकी मौत हो गई। इसके बाद शव को हॉस्पिटल में ही छोड़ दिया गया। सुबह परिजन शव लेने आए, तो देखा कि दाहिने हाथ की हथेली को चूहों ने क्षतिग्रस्त किया। मृतक का भतीजा शहबाज ने हॉस्पिटल मैनेजमेंट पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इतनी बड़ी लापरवाही बर्दास्त नहीं हो सकती। उसने इसकी शिकायत हॉस्पिटल सुपरिंटेंडेंट से करनी चाही, लेकिन रविवार होने की वजह से उनका ऑफिस बंद था।

पेशेंट्स के बीच रखे जाते हैं शव

एमजीएम हॉस्पिटल कैंपस से पोस्टमार्टम हाउस मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट होने के बाद हॉस्पिटल में शव रखने की व्यवस्था नहीं है। पेशेंट की मौत जहां होती है, वहीं छोड़ दिया जाता है। इसमें अधिकांश पेशेंट्स की मौत इमरजेंसी वार्ड में ही होती है। इसके बाद शव को चादर से ढक कर उसी स्थान पर छोड़ दिया जाता है। रात होने के कारण परिजन भी हॉस्पिटल में ही छोड़ना बेहतर समझते हैं। जब वह सुबह में शव को लेने पहुंचते हैं तो देखते हैं कि चूहों ने शव को कुतर दिया है। अबतक दर्जनों लोगों ने चूहों की शिकायत हॉस्पिटल सुपरिंटेंडेंट से की है, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं

- भ् फरवरी ख्0क्भ् : चौका के पोड़का गांव निवासी नागेंद्र हजाम की मौत एमजीएम हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में हो गई थी। रात में चूहों ने शव की बायीं आंख का हिस्सा और अंगुली चूहों ने कुतर दिया था।

- क्ब् जनवरी ख्0क्भ् : बिरसानगर निवासी सुनील कुमार की एजीएम हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। इस दौरान चूहों ने शव की आंख को कुतर दिया।

- म् जनवरी ख्0क्भ् : उलीडीह शंकोसाई निवासी हीरा मिस्त्री को कफ हफनी की शिकायत पर एमजीएम हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में उनकी मौत हो गई थी। रात में चूहों ने शव का नाम कुतर दिया।

- 9 जून ख्0क्ब् : भालुबासा निवासी गुड्डू ठाकुर का इलाज के दौरान एमजीएम में मौत हो गयी थी। शव हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में रखा गया था। इस दौरान चूहों ने शव के कई अंगों को कुतर दिया था।

एमजीएम हॉस्पिटल में चूहों का आतंक समाप्त करने के लिए विभाग को पत्र लिखा गया था। इसका टेंडर कराने या अन्य व्यवस्था कराने के लिए लिखित आवेदन दिया गया है।

- डॉ। आरवाई चौधरी, सुपरिंटेंडेंट, एमजीएम हॉस्पिटल