-जीवन ऑर्गनाइजेशन के सर्वे में सामने आया जमशेदपुर का खौफनाक सच

abhishek.piyush@inext.co.in

JAMSHEDPUR: जमशेदपुर में इस साल नवंबर तक क्7भ् लोगों ने सुसाइड किया। सुसाइड करने वालों में क्क्0 पुरुष और म्भ् महिलाएं शामिल हैं। इनमें ब्भ् एज ग्रुप के अंदर सुसाइड करनेवालों की संख्या क्ख्8 है। ब्भ् से ऊपर एज ग्रुप के फ्भ् और क्ख् स्टूडेंट्स ने अपनी जान की। यह खौफनाक सच जीवन ऑर्गनाइजेशन के सर्वे में समने आया है। सर्वे में बताया गया है कि इस साल नवंबर तक क्ख्म् लोगों ने फ ांसी लगाक र, क्ख् ने नदी या तालाब में डूब कर, क्फ् ने चलती ट्रेन के आगे, 9 ने जहर खाकर, 7 ने सेल्फ इमलेशन और 8 लोगों ने अन्य तरीके से अपनी जिंदगी खत्म की।

सुसाइड करने के पूर्व देते हैं संकेत

सुसाइड के लिए काम कर जीवन संस्था के डायरेक्टर महावीर राम का कहना है कि 80 प्रतिशत लोग सुसाइड करने के पहले काफी कुछ प्लान करते हैं। ऐसी स्थित में सुसाइड करने वाले लोग कुछ समय पूर्व चेतावनी या संकेत देना शुरू कर देते हैं। यदि पैरेंट्स, टीचर, सहपाठी या सहकर्मी पूर्वानुमानों को समझ लें, तो काफी हद तक सुसाइड को कंट्रोल किया जा सकता है।

आए सुसाइड का ख्याल तो करें कॉल

सुसाइड की रोकथाम के लिए बिष्टुपुर स्थित क्यू रोड, में जीवन संस्था ख्007 से काम कर रही है। यह संस्था इंग्लैंड से संबद्ध है। यहां पर लोगों को नि:शुल्क सलाह दी जाती है। लोग हेल्पलाइन नंबर 0म्भ्7-म्ब्भ्फ्8ब्क् या म्भ्भ्भ्भ्भ्भ् पर कॉल कर सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर पर सुबह क्0 से लेर शाम म् बजे तक नि:शुल्क परामर्श ले सकते हैं। यहां सुसाइड से संबंधित पूछे गए सभी क्वेश्चन्स गुप्त रखे जाते हैं।

इंडिया में 70 से 7भ् फीसदी सुसाइड तनाव के कारण होती है। तनाव का मुख्य कारण मानसिक तौर पर व्यक्ति का कमजोर होना भी हो सकता है। मानसिक बीमारियों का मुख्य कारण डिप्रेशन है, जो कि मनुष्य में जेनेटिक भी हो सकता है। मेडिकल साइंस में मानसिक रोग संबंधी सभी बीमारियों का इलाज संभव है।

-डॉ। मनोज कुमार साहू, साइकियाट्रिस्ट, टीएमएच

जीवन संस्था तनाव में रहने वाले लोगों की मदद करने के लिए बनाई गई है। आत्महत्या करने की सोच रखने वाले लोग खास तौर पर डिप्रेशन के शिकार होते हैं। ऐसे लोगों पर स्पेशल केयर की जरूरत है। हमारे यहां पीडि़त का नि:शुल्क ट्रीटमेंट किया जाता हैं और पेशेंट की आईडी को गोपनीय रखी जाती है।

-डॉ। महावीर राम, डायरेक्टर, जीवन संस्था।