-मंत्री बनने के बाद पहली बार जमशेदपुर आए खाद्य एवं आपूर्ति और संसदीय कार्यमंत्री

-कहा, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में बढ़ेगा आईटी का इस्तेमाल

JAMSHEDPUR : राज्य में खाद्य सुरक्षा अधिनियम नियमावली जल्द बनाई जाएगी। छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों में इस अधिनियम के तहत अच्छा काम हो रहा है, हमारी कोशिश है की झारखंड में इसे और भी बेहतर तरीके से लागू किया जाए। मंत्री बनने के बाद पहली बार जमशेदपुर आए खाद्य एवं आपूर्ति और संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने बुधवार को बिष्टुपुर स्थित बीजेपी ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ये बातें कहीं।

डीलर के पास पहुंचेगा एसएमएस

आम जनता तक उनके हिस्से का राशन सही तरीके से पहुंचे इसके लिए खाद्य एंव आपूर्ति विभाग आने वाले दिनों में कई नए कदम उठाएगी। सरयू राय ने बताया कि राशन सही जगह पर पहुंचे इसके लिए व्यवस्था की जाएगी कि स्टेट फूड कॉरपोरेशन के गोदाम से राशन लेकर ट्रक के निकलते ही डीलर के पास एसएमएस पहुंच जाए। इसके अलावा उन्होंने राशन दुकानों में बायोमेट्रिक सिस्टम लगाए जाने की बात भी कही। इस सिस्टम के शुरू हो जाने पर राशन कार्ड होल्डर्स द्वारा बायो-मेट्रिक सिस्टम के जरिए पंचिग करने के बाद ही राशन मिलेगा। इससे राशन दुकानों से राशन की हेराफेरी पर लगाम लगेगी। इसके अलावा उन्होंने जगह-जगह वाईफाई हॉट स्पॉट बनाए जाने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि इस संबंध में संबंधित विभाग के साथ मिलकर योजना बनाई जाएगी।

मिलेगी सस्ती चीनी

सरयू राय ने रामनवमी से पहले सस्ते दर पर चीनी दिए जाने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चीनी पर प्रति क्8.भ्0 रुपए सब्सिडी दिए जाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया गया था। इसके तहत आम जनता को चीनी के लिए क्फ्.भ्0 ही देने पड़ते। पर वित्त विभाग द्वारा इस प्रस्ताव को वापस लौटा दिया गया। सरयू राय ने कहा की इस स्कीम से राज्य सरकार पर थोड़ा भी भार नही पड़ रहा है। ऐसे में रामनवमी से पहले उनकी कोशिश लोगों को इस योजना का लाभ देने की होगी। सरयू राय ने दाल-भात योजना में भी सुधार की बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाएगी की दाल-भात केंद्रों में लोगों को सम्मान के साथ भोजन मिले। इसके अलावा उन्होंने एसईसी सर्वे के आधार पर रूरल एरियाज में 8म् परसेंट और अर्बन एरियाज में म्0 परसेंट लोगों का राशन कार्ड बनाने की बात भी कही।

बातों ही बातों में

सरयू राय ने हालांकि खुले तौर पर अपने वर्तमान विभागों से नाराजगी जाहिर नहीं की, लेकिन बातों ही बातों में उन्होंने अपना असंतोष जाहिर किया। कहा कि उनके पास जो भी मंत्रालय हैं, वो छोटे विभाग माने जाते हैं। संसदीय कार्यमंत्री के तौर पर विधानसभा की सहायता करनी होती है। वही खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में भी नीतिगत फैसले ज्यादा नहीं लिए जाते हैं। विभाग का काम मॉनिटरिंग का होता है।