- रामगढ़ को उत्कृष्ट जिले का खिताब, सरायकेला-खरसावां दूसरे स्थान पर

- 42 फीसद गांवों में कनेक्टिविटी की समस्या, उड़ान 2015 की शुरुआत

छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : जनसंख्या के आधार पर डिजिटल लॉकर खोलने में झारखंड पहले पायदान पर है, जबकि लॉकरों की संख्या के मामले में उसे चौथा स्थान हासिल हुआ है। झारखंड ने यह स्थान 65 हजार लॉकर खोलकर प्राप्त किया है। प्रोजेक्ट भवन के नये सभागार में आयोजित डिजिटल इंडिया वीक के समापन समारोह में आइटी सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने यह जानकारी दी।

आईटी टैलेंट सर्च कॉम्पटीशन

डिजिटल लिटरेसी मिशन को बढ़ावा देने के निमित आइटी टैलेंट सर्च प्रतियोगिता (उड़ान 2015) की शुरुआत की गई।

समारोह में अपने विचार रखते हुए प्रधान सचिव, ग्रामीण विकास एनएन सिन्हा ने कहा कि डीबीटी के माध्यम से लोगों को लाभ देने के मामले में देश में झारखंड का स्थान तीसरा है। ऐसे सेक्टर जो इससे अबतक अछूते हैं, उन्हें भी इससे जोड़ने की कोशिश हो रही है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत शीघ्र ही दो-तीन प्रखंडों के क्रियाकलापों को आनलाइन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि लगभग 42 फीसद गांवों में आज भी कनेक्टिविटी की समस्या है, जो सूचना तकनीक के विस्तार में बाधक है।

खुद को करें अपडेट

प्रधान सचिव, कार्मिक एसके सतपथी ने इस दौरान पदाधिकारियों, कर्मचारियों के साथ-साथ एक-एक नागरिक को सूचना तकनीक के मामले में खुद को अपडेट रखने की नसीहत दी। मौके पर डाक सेवा को 'बेस्ट प्रैक्टिसेज इन आइटी', रामगढ़ को आइटी के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रथम, सरायकेला-खरसावां को द्वितीय तथा गोड्डा को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। व्यक्तिगत प्रयास से गांव-गांव में सूचना तकनीक को बढ़ावा देने के लिए किरण कुमारी को भी इस मौके पर पुरस्कृत किया गया।

बाबुओं का चक्कर काटना पड़े तो कैसा ई-गवर्नेस: मुख्य सचिव

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्य सचिव राजीव गौबा ने कहा कि इ-गवर्नेस के क्षेत्र में हम तबतक सफल नहीं माने जाने जाएंगे, जबतक कि बाबुओं का चक्कर काटने से आम जनता को राहत नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऐसा न हो कि आनलाइन आय, जाति, जन्म एवं मृत्यु आदि से संबंधित आनलाइन आवेदन देने के बाद लोगों को बाद की प्रक्रिया के लिए भागदौड़ करनी पड़े। अगर ऐसा है तो समझिए, ई-गवर्नेस के क्षेत्र में हमें आधी सफलता भी नहीं मिली है। इससे डिजिटल इंडिया की अवधारणा धरातल पर नहीं उतरेगी।