-बदलते मौसम में बढ़ रहीं बीमारियां

-हॉस्पिटल्स और नर्सिग होम्स में बढ़ी मरीजों की संख्या

JAMSHEDPUR : सुबह-शाम ठंड का अहसास और दोपहर होते ही पसीने छुड़ा देने वाली गर्मी। पिछले कुछ दिनों में मौसम ने कुछ ऐसा ही रंग बदला है। मैक्सिमम और मिनिमम टेंपरेचर में दोगुने से ज्यादा का अंतर आ गया है। मौसम में अचानक आए इस बदलाव से लोगों को ठंड से राहत तो मिली है, साथ ही कई तरह की बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ा है। पिछले कुछ दिनों में शहर के हॉस्पिटल्स और नर्सिग होम्स में वायरल फीवर, डायरिया सहित अन्य बीमारियों के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। डॉक्टर्स इन बीमारियों के लिए बदलते मौसम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और इनसे बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।

बढ़ रहे हैं मरीज

हॉस्पिटल के ओपीडी में डेली 70 से 7भ् पेशेंट आ रहे हैं। इनमें से आधे से ज्यादा वायरल डिजीज के मामले होते हैं। पिछले तीन वीक में वायरल डिजीज के मामले तेजी से बढ़े हैं। यह कहना है महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पीडिएट्रिशियन डॉ केके चौधरी का। खासमहल स्थित सदर हॉस्पिटल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ नकुल चौधरी ने भी कुछ ऐसी ही बात कही। उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल के ओपीडी में हर रोज करीब ख्भ्0 पेशेंट आ रहे हैं। करीब क्0 महीने पहले तक हॉस्पिटल में आने वाले पेशेंट्स की संख्या ख्00 से भी कम थी। उन्होंने कहा कि इसमें से ज्यादातर मामले सर्दी-खांसी, बुखार, लूज मोशन के हैं। दूसरे हॉस्पिटल्स, नर्सिग होम्स में भी कुछ ऐसा ही हाल है।

वायरल इंफेक्शन से हो रही बीमारियां

एमजीएम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड ऑफ डिपार्टमेंट (एचओडी) डॉ निर्मल कुमार ने मौसम में आ रहे बदलाव की वजह से वायरल इंफेक्शन फैलने की बात कही। उन्होंने कहा कि अभी जो टेंपरेचर है उसमे वायरस तेजी से ग्रो करता है। ऐसे में लोगों को सर्दी-खांसी, बुखार, गले में दर्द, सर दर्द जैसी बीमारियां फैलती है। वायरल फीवर के साथ-साथ डॉक्टर्स ने वायरल डायरिया के मामले भी बढ़ने की बात कही।

बच्चों का रखें खास ख्याल

डॉ केके चौधरी ने इस मौसम में बच्चों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि बच्चों में इम्यूनिटी कम होने की वजह से उन्हें वायरल डिजीज का ज्यादा खतरा रहता है। शिशु से लेकर पांच साल तक के बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि इस समय बच्चों में सर्दी-खांसी, बुखार, वोमेटिंग, हेडेक, वायरल डायरिया के काफी मामले आ रहे हैं। उन्होंने रेस्पीरेटरी वायरस, इंफ्लूएंजा वायरस और डायरिया के लिए रोटा वायरस को इन बीमारियों की वजह बताई। उन्होंने कहा कि सही इलाज से आमतौर पर ये बीमारियां पांच से छह दिन में ठीक हो जाती हैं, लेकिन इलाज में लापरवाही बरती गई, तो हॉस्पिटल में एडमिट करने, नेब्यूलाइजेशन, इंजेक्शन और कुछ मामलों में ऑक्सीजन चढ़ाने तक की स्थिति आ जाती है। डॉ चौधरी ने ऐसे मामलों में लक्षणों के आधार पर इलाज की बात कही।

जरूरी है सावधानी

दिन के वक्त ठंड में भले ही कमी आई है, लेकिन अभी भी सुबह और शाम के वक्त ठंड बरकरार है। ऐसे में ठंड को लेकर लापरवाही से बीमारियों का खतरा बना रहता है। डॉक्टर्स ने जाड़े की अनदेखी नहीं करने की सलाह दी और सुबह और शाम गर्म कपड़े पहनने की बात कही। साथ ही खाने-पीने की चीजों में हाइजिन का ध्यान रखने की भी जरूरत बताई। डॉ चौधरी ने बाइक पर बच्चों को ले जाते समय उनके कान अच्छी तरह से ढंकने, ज्यादा ठंडी चीजें नहीं खिलाने के साथ-साथ बीमार बच्चों की भीड़-भाड़ वाली जगह पर ले जाने से बचने की सलाह दी।

इन बातों का रखें ख्याल

-सुबह और शाम गर्म कपड़े पहनें।

-अगर दिन में घर से निकलते वक्त लौटने में देर होने की संभावना हो, तो गर्म कपड़े लेकर घर से निकलें।

-बच्चों को बाइक पर ले जाते वक्त अच्छी तरह से उनका कान ढक कर रखें।

-बच्चों को ज्यादा ठंडी चीजें नहीं खिलाएं।

-फूड हाइजिन मेंटेन रखें।

-बासी खाना खाने से परहेज करें, ताजा खाना खाएं।

-मार्केट में मिलने वाले फूड आइटम्स से परहेज करें।

-साफ पानी पीएं।

बढ़ रही हैं ये बीमारियां

-वायरल फीवर

-सर्दी-खांसी

-वायरल डायरिया

-गले में दर्द

-वोमेटिंग

-सरदर्द

पिछले कुछ दिनों में वायरल डिजीज मामले तेजी से बढ़ हैं। आमतौर पर ये बीमारियां पारासिटामोल, एंटी एलर्जिक, कफ सीरप से ठीक हो जाती हैं। वहीं डायरिया के मामलों में ओआरएस, जिंक, प्री बायोटिक, पोस्ट बायोटिक दिया जाता है। ऐसे मामलों में बच्चे को फौरन डॉक्टर से दिखाना चाहिए।

-डॉ केके चौधरी, शिशु रोग विशेषज्ञ, एमजीएम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल

इस मौसम में वायरस तेजी से पनपते हैं जिससे वायरल इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है। इसमें सर्दी-खांसी, गले में दर्द, सरदर्द जैसी समस्याएं होती हैं। आमतौर पर ये बीमारियां छह से सात दिनों में ठीक हो जाती हैं, लेकिन ज्यादा समस्या होने पर फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

-डॉ निर्मल कुमार, एचओडी, मेडिसिन डिपार्टमेंट, एमजीएमसीएच

पिछले क्0 दिनों में हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इनमें से ज्यादातर मामले सर्दी-खांसी, बुखार, लूज मोशन के हैं। बदलते मौसम में सेहत के प्रति सतर्क रहना जरूरी है।

-डॉ नकुल चौधरी, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट, सदर हॉस्पिटल