-मानगो बस स्टैंड बदहाल, मुंह चिढ़ा रही गंदगी, पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं

-खुले आसमान के नीचे बस का इंतजार करते हैं पैसेंजर्स

-स्ट्रीट लाइट महीनों से है खराब, शिकायत के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई

abhishek.piyush@inext.co.in

JAMSHEDPUR : मानगो बस स्टैंड आ रहे हैं तो अपनी नाक रूमाल से जरूर ढक लें। यहां की बदबू से आप भी परेशान हो सकते हैं। इन दिनों बस स्टैंड की गंदगी प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रही है। साफ-सफाई तो ऊपरवाले के भरोसे है ही, पैसैंजर्स की सुविधा के लिए न टॉयलेट है, न पीने के पानी की व्यवस्था और न ही वेटिंग रूम। ऐसे में पैसेंजर्स के साथ-साथ बस कर्मचारियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जाड़ा हो या गर्मी पैसेंजर्स को खुले आसमान के नीचे ही बस का इंतजार करना पड़ रहा है।

प्रत्येक बस रोज लगते हैं क्00 रुपए

मानगो बस स्टैंड से रोज करीब ब्00 बसें चलती हैं, जिनमें लगभग ख्0 हजार पैसेंजर्स यात्रा करते हैं। जमशेदपुर नोटिफाइड ऐरिया कमिटी (जेएनएसी) द्वारा रोज सुविधाएं बहाल करने के नाम पर क्00 रुपए रोज लिए जाते हैं, लेकिन पैसेंजर्स की सुविधाएं जीरो हैं। बस स्टैंड में जगह-जगह गंदगी का अंबार है। बस स्टैंड में डस्टबीन नहीं होने के कारण बस स्टैंड के आस-पास लगाई गई दुकानों की गंदगी जहां-तहां फेंकी जा रही है। सही तरीके से टॉयलेट का अरेंजमेंट नहीं होने की वजह से पैसेंजर्स और बस स्टॉफ बस स्टैंड के किनारे शौच, पेशाब करने के लिए मजबूर हैं।

इन सुविधाओं की जरूरत

पीने का साफ पानी, प्रतीक्षालय, रोजाना साफ.-सफाई, स्ट्रीट लाइट्स, यात्रियों के बैठने के लिए शेड।

न पानी, न टॉयलेट की सुविधा

बस स्टैंड में पेयजल के नाम पर छोटी सी पानी की टंकी लगी है, जिसकी महीनों से सफाई नहीं हुई है। पैसेंजर्स बोतल बंद पानी खरीद कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। बस स्टैंड में पैसेंजर्स के बैठने की भी जगह नहीं है। एकमात्र सुलभ शौचालय जर्जर हो चुका है। गंदगी और पानी फैले रहने से वहां कोई जाना पसंद नहीं करता। सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है। बस स्टैंड में लगी स्ट्रीट लाइट्स भी महीनों से खराब हैं। शिकायत के बावजूद इन्हें ठीक करने के उपाय नहीं किए जा रहे हैं। टिकट काउंटर के स्टाफ अमरेन्द्र सिंह ने बताया कि बस स्टैंड में एटीएम की सुविधा नहीं हैं। यात्रियों को एटीएम खोजने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।

सुविधाएं देने के नाम पर जेएनएसी रोज प्रत्येक बस से क्00 रुपए लेती है। जेएनएसी सिर्फ शुल्क लेना जानती है, सुविधा देना नहीं। यहां यात्रियों की सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है।

-मृत्युंजय कुमार सिंह, टिकट कंटक्टर

बस स्टैंड में पीने के पानी की सुविधा नहीं है। बोतल का पानी खरीद कर पीना पड़ता है। एक पानी की टंकी दिखती भी है तो उसकी साफ-सफाई भगवान भरोसे ही है। ऐसे में गंदी टंकी का पानी पीकर किसे बीमार पड़ना है।

-सूरज कुमार, पैसेंजर।

बस स्टैंड में चारों ओर गंदगी है। बस स्टैंड के किनारों में स्थानीय लेबर द्वारा शौच किया जा रहा है। जहां देखो बस कचरा ही नजर आ रहा है। दुर्गध के कारण यहां बस का इंतजार भी काफी मुसीबत वाला काम है।

-राहुल सिंह, पैंसेजर

मुझे तो हर बार बस स्टैंड गंदा ही नजर आता है। अब गंदगी के चलते मैं बस स्टैंड के बाहर ही बस से उतर जाता हूं। यहां पर यात्रियों की सुविधाओं का थोड़ा भी ख्याल नहीं रखा गया है।

-अनुभव सिंह, पैंसेजर

मानगो बस स्टैंड में पैसेंजर्स की सुविधाओं का कोई ख्याल नहीं है। न तो वेटिंग रूम है और न ही पीने के पानी की व्यवस्था। गंदगी का आलम तो पूछिए मत। टॉयलेट की भी व्यवस्था नहीं है।

-अश्विनी सिंह, पैसेंजर

बस स्टैंड में साफ-सफाई रेगुलर बेसिस पर होती है। छह महीने में सफाई होने की बात गलत है। स्ट्रीट लाइट खराब होने पर जेएनएसी द्वारा ठीक कराया जाता है। आई नेक्स्ट द्वारा बस स्टैंड की असुविधाओं की जनकारी हुई है। मैं तत्काल साफ-सफाई और स्ट्रीट लाइट की मरम्मत करवाऊंगा।

-दीपक सहाय, विशेष पदाधिकारी, जेएनएसी