JAMSHEDPUR: टाटा स्टील के ग्रुप एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (फाइनेंस एंड कॉरपोरेट) कौशिक चटर्जी ने कहा है कि टाटा स्टील पर कोई संकट नहीं है। टाटा स्टील एक कंपनी के तौर पर अपना काम करती रहेगी। टाटा समूह में जो भी विवाद हैं, वे निकट भविष्य में सुलझा लिए जाएंगे। कौशिक चटर्जी मंगलवार को कदमा स्थित गणेश पूजा मैदान में टाटा स्टील प्रायोजित 'संवाद ख्0क्म्' के उद्घाटन के बाद मीडिया सेंटर में पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे। चटर्जी ने रतन टाटा और साइरस मिस्त्री के बीच चल रहे विवाद पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार करते हुए बस इतना कहा कि इस विवाद से टाटा स्टील पर कोई संकट नहीं आया है। कौशिक चटर्जी टाटा स्टील यूरोप के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी हैं। उन्होंने लगातार तीसरे साल सफलतापूर्वक आयोजित किए जा रहे जनजातीय सम्मेलन 'संवाद-ख्0क्म्' पर प्रसन्नता जाहिर की।

है क्00 साल का रिश्ता

कहा कि टाटा स्टील का आदिवासियों और इसकी संस्कृति से क्00 साल से भी ज्यादा पुराना रिश्ता है। हम हर समय इन्हें साथ लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं। संवाद एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो आदिवासियों को अपने मन की बात तथा अपने दुख-दर्द को एक-दूसरे के साथ साझा करने का खुला मंच देता है। हम यहां होने वाले मंथन को आधार बनाकर आदिवासियों के विकास व उत्थान की योजनाएं तैयार करते हैं। साथ ही उचित प्लेटफॉर्म पर उनकी बातों को रखते हैं। चटर्जी ने कहा कि हम लोग संवाद के जरिए हर वर्ष एक अलग चर्चा का विषय लेकर आते हैं। इस बार आदिवासी चिकित्सा पद्धति का विषय चुना गया है। हमारी कोशिश इनकी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति और मॉर्डन साइंस के बीच एक समन्वय स्थापित करने की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आदिवासियों के विनाश की कीमत पर औद्योगिक विकास नहीं किया जा सकता। टाटा स्टील आदिवासी समुदाय के साथ संतुलन बनाकर काम कर रही है। उनकी जरूरत को हर तरह से पूरा करने को जितना संभव हो सकता है, टाटा स्टील प्रयास करती है।