-KU एडमिनिस्ट्रेशन इसी सेशन में स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन कराने की तैयारी में

-यूनिवर्सिटी ने सभी कॉलेजों को 15 जनवरी तक इलेक्टोरल रोल तैयार कर भेजने को कहा

-KU में पहली बार होगा स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन

-लिंगदोह कमिटी के रिकमेंडेशन पर होगा चुनाव

JAMSHEDPUR: कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) के स्टूडेंट्स के लिए नया साल खुशखबरी लेकर आया है। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन इसी सेशन में स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन कंडक्ट कराने की तैयारी कर रहा है। यूनिवर्सिटी ने लेटर भेजकर सभी कॉलेजेज से क्भ् जनवरी तक इलेक्टोरल रोल तैयार कर उसकी हार्ड और सॉफ्ट कॉपी अवेलबल कराने को कहा है। स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के डिसीजन की कॉपी यूनिवर्सिटी द्वारा पहले ही भेज दी गई है। पहले की तरह इस बार टालमटोल नहीं हुआ, तो मार्च में केयू के स्टूडेंट्स को उनके लीडर्स मिल जाएंगे।

लिंगदोह कमिटी के रिकमेंडेशन पर

केयू एडमिनिस्ट्रेशन ने यह भी क्लियर कर दिया है कि स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बनाए गए लिंगदोह कमिटी द्वारा इलेक्शन को लेकर दिए गए सुझावों को आधार मानकर ही कंडक्ट कराए जाएंगे। इससे साफ हो गया कि इलेक्शन डायरेक्ट न होकर इंडायरेक्ट होंगे। यानी कॉलेज लेवल पर स्टूडेंट्स द्वारा रिप्रजेंटेटिव चुने जाएंगे और वे यूनिवर्सिटी लेवल के रिप्रजेंटेटिव्स को वोट कर चुनेंगे।

क्या है लिंगदोह कमिटी का रिकमेंडेशन

सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर पर ख्00भ् में गवर्नमेंट ने सीईसी रहे जेएम लिंगदोह के नेतृत्व में छह मेंबर्स वाली कमिटी बनाई, जिसे स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन पर अपनी रिपोर्ट देनी थी। इस कमिटी ने मई ख्00म् में अपनी रिपोर्ट एचआरडी को सब्मिट की। कमिटी ने कई सुझाव दिए जिनमें प्रमुख हैं

- इलेक्शन डायरेक्ट नहीं होकर इंडायरेक्ट हो। यानी कॉलेज में पहले इलेक्शन हो और वे फिर यूनिवर्सिटी के लिए अपने रिप्रजेंटेटिव चुनें।

-इलेक्शन हर साल होने चाहिए।

- कमिटी ने इलेक्शन लड़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए एज लिमिटेशन भी रखा है। इसमें यूजी लेवल के स्टूडेंट्स के लिए ख्ख् साल, पीजी के लिए ख्भ् साल और रिसर्च स्कॉलर्स के लिए ख्8 साल एज लिमिट है।

- इसमें यह भी कहा गया है कि सिर्फ वैसे स्टूडेंट्स ही इलेक्शन लड़ सकते हैं जिनका अटेंडेंस कम से कम 7भ् परसेंट हो।

- क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले स्टूडेंट्स को इलेक्शन लड़ने से रोके जाने की बात भी कही गई है।

- इलेक्शन में कैंडीडेट खर्च को पांच हजार रुपए से ज्यादा नहीं होने देने की भी सिफारिश है।

- इलेक्शन लड़ने वाले कैंडिडेट्स की हार हो या जीत, वे दोबारा इलेक्शन नहीं लड़ेंगे।

एक नजर इधर भी

- ख्009 में रांची यूनिवर्सिटी से अलग हो कोल्हान यूनिवर्सिटी अस्तित्व में आया।

-कोल्हान यूनिवर्सिटी में क्भ् कंस्टीट्यूएंट और ख्0 एफिलिएटेड कॉलेज हैं।

- केयू में इन्रॉल्ड स्टूडेंट्स की संख्या करीब 70 हजार है।

- सेपरेट यूनिवर्सिटी बनने के पांच साल बाद केयू में स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन एक बार भी कंडक्ट नहीं हुआ है।

- कॉलेज और यूनिवर्सिटी लेवल पर करीब क्0 शो-कॉल्ड स्टूडेंट यूनियन काम कर रहे हैं।

- रांची यूनिवर्सिटी के अंतर्गत पिछली बार ख्008 में स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन कंडक्ट हुआ था ।

- यूनिवर्सिटी और कॉलेज लेवल पर प्रॉपर इलेक्शन नहीं होने और चुने गए स्टूडेंट लीडर्स ना होने की वजह से स्टूडेंट्स को परेशानी होती है।

यूनिवर्सिटी का लेटर मिला है, जिसमें क्भ् जनवरी तक इलेक्टोरल रोल तैयार कर यूनिवर्सिटी में सब्मिट करने को कहा गया है। हम समय पर इलेक्टोरल रोल तैयार कर भेज देंगे।

- डॉ आरके दास, प्रिंसिपल, को-ऑपरेटिव कॉलेज

स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन मार्च में कंडक्ट कराने की कोशिश हम कर रहे हैं। एक बार इलेक्शन हो जाने के बाद आगे प्रॉब्लम नहीं होगी। इलेक्शन लिंगदोह कमिटी के रिकमेंडेशन पर बेस्ड होगा।

- डॉ आरपीपी सिंह, वीसी, कोल्हान यूनिवर्सिटी