-केयू के वीसी ने घाटशिला व बहरागोड़ा कॉलेज का किया निरीक्षण

-दोनों कॉलेजों को स्वच्छ वातावरण तैयार करने का दिया निर्देश

JAMSHEDPUR: मंगलवार को कोल्हान यूनिर्वसिटी के वीसी डॉ। आरपीपी सिंह घाटशिला व बहरागोड़ा कॉलेज का निरीक्षण किया। मौके पर बहरागोड़ा के विधायक कुणाल षड़ंगी भी मौजूद थे। दोनों ही कॉलेजों में कैंपस में उगे घास-फूस व भवनों की हालत को देख वीसी भड़क गये। उन्होंने कहा कि कॉलेज को तो हमेशा स्वच्छ रखना चाहिए। घाटशिला कॉलेज में प्रयोगशाला भवन को देखकर कहा कि पहले इसकी रिपेय¨रग होगी उसके बाद यहां नये लैब भवन का निर्माण होगा। बहरागोड़ा कॉलेज में तो उन्होंने बाथरूम तक घुस-घुस कर देखा और सफाई की स्थिति का जायजा लिया।

क्भ् दिन में चकाचक करें

कहा कि कॉलेज आपका है आप इसे स्वच्छ रखे। दोनों कॉलेज के प्रिंसिपल को निर्देश दिया कि वे क्भ् दिनों के अंदर कॉलेज को पूर्ण रूप से स्वच्छ बनायें और इसका वीडियो उन्हें भेजे। बहरागोड़ा में सामन्य हॉस्टल को खंडहर बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके जीर्णोधार का प्रस्ताव आज तक उन्हें नहीं भेजा गया। उन्होंने प्रिंसिपल से पूछा तो प्रिंसिपल ने कहा कि यहां जमीन का मामला फंसा हुआ है। वीसी ने प्रिंसिपल से पूछा कि इस संबंध में कॉलेज की ओर से कोई पत्राचार स्थानीय सीओ को किया गया है तो वे मुंह ताकते रहे। वीसी ने बहरागोड़ा कॉलेज में उपस्थित विधायक कुणाल षड़ंगी से कहा कि जमीन संबंधी मामले में हस्तक्षेप करें तथा यह जमीन कॉलेज के नाम कर दी जाए, तो यहां हॉस्टल का निर्माण अवश्य करा दिया जायेगा।

लाइब्रेरी चालू करने का निर्देश

बहरागोड़ा कॉलेज में केयू के वीसी के निरीक्षण के दौरान एक अजीब वाकया हुआ। टीचर्स की ओर से बताया गया कि उनके कॉलेज में लाइब्रेरी के लिए जगह नहीं है। इस पर वीसी ने कहा कि पहले कहां थी लाइब्रेरी। टीचर्स ने उस कमरे को दिखाया जो वर्षो से खुली नहीं थी। यहां एक हजार किताबे बंद पड़ी थी। इस कमरे को ठीक कराकर लाइब्रेरी को चालू करवाने का निर्देश दिया।

दिया था ख्0क्ख् का प्रस्ताव

घाटशिला कॉलेज ने वर्ष ख्0क्ख् का प्रस्ताव कोल्हान यूनिर्वसिटी को समर्पित कर दिया था। इस कारण पूरे कॉलेज का आधुनिकीकरण का प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। वीसी ने कहा कि आधुनिकीकरण के कार्य के लिए जब चक्रधरपुर के कॉलेज को ब्.भ् करोड़ रुपया दिया जा सकता है तो घाटशिला कॉलेज को क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि कॉलेज की ओर से गलत प्रस्ताव भेजा गया था, अन्यथा इस कॉलेज का भी आधुनिकीकरण का प्रस्ताव पारित हो जाता था।