बदल रहा है trend
कदमा की रहने वाली रश्मि सिंह स्कूल से बच्चों को लाने या मार्केट के दूसरे कामों के लिए पति की फोर्ड आइकन ड्राइव करना पसंद करती है, कुछ ही सालों पहले खरीदी गई उनकी ऑल्टो कार अब सिर्फ गैराज की शोभा बढ़ाती है। रश्मि को अब ये बड़ी कार इतनी भा गई है कि अब वो इस कार को बेचकर खुद के लिए भी सेडान लेने की प्लानिंग कर रही है। पिछले कुछ सालों में सिटी में इस ट्रेंड में काफी इजाफा हुआ है। महिलाएं का इंट्रेस्ट अब सेडान और एसयूवी की तरफ तेजी से बढ़ रहा है।

बढ़ रही है बड़ी cars की demand
लंबे समय से महिलाओं के बीच हैचबैक कार्स की काफी डिमांड रही है पर समय के साथ इस ट्रेंड में बदलाव हुआ है। आदित्यपुर स्थित बेबको टोयोटा के ओनर कृष्णा भालोटिया ने बताया कि कुछ सालों पहले तक बड़ी संख्या में फीमेल डॉक्टर्स और दूसरी वर्किंग महिलाओं के बीच क्वैलिस की अच्छी डिमांड थी। उन्होंने बताया कि प्रेजेंट में महिलाओं के बीच टोयोटा की करीब 14 लाख की लग्जरी सेडान कोरोला ऑल्टिस की अच्छी डिमांड है। उन्होंने बताया कि इस कार के टोटल सेलिंग में करीब 30 पर्सेंट शेयर महिलाओं का है। जयश्री फोर्ड के जी गुलाटी ने बताया कि महिलाओं के बीच बड़ी गाडिय़ों की डिमांड बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि फोर्ड फिएस्टा और आइकॉन जैसी गाडिय़ों के सेलिंग में करीब 10 पर्सेंट शेयर महिलाओं का भी होता है। कुछ इसी तरह ट्रेंड दूसरी कंपनीज की कार्स मे भी देखने को मिल रहा है।

बढ़ता है confidence
वूमेन के बीच बड़ी गाडिय़ों की डिमांड की कई वजहें हैं। फोर्ड फिएस्टा और सफारी जैसी कार्स ड्राइव करने वाली सोशल वर्कर उषा सिंह ने बताया कि बड़ी गाडिय़ां स्टाइल स्टेटमेंट तो है ही साथ ही इनसे सिक्योरिटी भी मिलती है। उन्होंने बताया कि छोटी गाडिय़ों को ड्राइव करने वाली महिलाओं को अक्सर मनचले ओवरटेक करने या दूसरे तरीके से परेशान करने की कोशिश करते हैं, पर किसी एसयूवी या सेडान में बैठी महिला के साथ छेडख़ानी करने में लोग कई बार सोचते है। इसके अलावा हाइवे और दूसरी रोड्स की कंडीशन को देखते हुए बड़ी गाडिय़ों को ड्राइव करना ईजी भी है।

Driving भी है आसान
ड्राइविंग में ईजी होने की वजह से हैचबैक व्हीकल्स की वूमेन की बीच पॉप्यूलर हो रही  हैं, पर नई टेक्नोलॉजी ने सेडान और एसयूवी कैटगरी के कार्स को भी ड्राइव करना काफी आसान बना दिया है। साकची स्थित कार क्योर के प्रोपराइटर राजीव सिंह ने बताया कि अब बड़ी कार्स में भी गियर शिफ्टिंग, क्लच, स्टियरिंग कंट्रोल काफी स्मूथ होते हंै, उन्होंने बताया कि ये गाडिय़ां टेक्निकली इतनी एडवांस हैैं की उन्हें ड्राइव करने में साइज से किसी तरह का फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने बताया कि इन खासियतों की वजह से महिलाओं में वरना, होंडा सिटी, स्ïिवफ्ट डिजायर जैसी कार्स की अच्छी डिमांड है।

Driving में सबसे आगे
बात अगर ड्राइविंग की करें तो ईस्ट सिंहभूम की महिलाएं स्टेट में सबसे आगे है। पिछले बारह सालों में स्टेट में महिलाओं को सबसे ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस इस्ट सिंहभूम में इश्यू किए गए है। 2000 से लेकर जुलाई 2012 तक डिस्ट्रीक्ट में महिलाओं को 24051 नन कॉमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस इश्यू किए गए जबकि संख्या के मामले में सबसे करीबी धनबाद में इस दौरान सिर्फ 3945 और रांची में 3157 लाइसेंस इश्यू हुए। बात लर्नर लाइसेंस की करें तो इस पीरियड में इस्ट सिंहभूम में 21365 लाइसेंस इश्यू किए गए।

'बड़ी कारें ड्राइव करने से सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ता है। यह काफी आरामदायक भी है एसयूवी ड्राइव कर रही महिला से छेडख़ानी करने में भी लोग कई बार सोचते हैं.'
-उषा सिंह, सोशल वर्कर

'बड़ी कारों को ड्राइव करना आरामदेह होता है। इनमे कई तरह की फैसिलिटीज होती हैं। रोड्स की कंडीशन को देखते हुए भी यह बेहतर ऑप्शन है.'
-देविका सिंह, मैरीन ड्राइव

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in