छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : बच्चों को भूख लगी। बस दो मिनट.! घर पर मैगी के पैकेट्स हों तो फिर क्या मां के लिए भी आसान और बच्चे भी खुश। कभी आपने सोचा है, सिर्फ दो मिनट में तैयार होने वाला यह टेस्टी नूडल्स हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकता है? हाल ही में उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में मैगी के लिए गए सैंपल की प्रयोगशाला में जांच कराने पर पाया गया कि इस फास्ट फूड में भारी मात्रा मेंलेड और मोनोसोडियम ग्लूटामेट है, जो सेहत के लिए नुकसानदेह है।

झारखंड में कोई एक्शन नहीं

एक तरफ फूड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा देश भर से मैगी के सैंपल्स मंगवाए गए हैं। इसकी लैब में जांच कराने के आदेश भी दिए गए हैं। लेकिन, दूसरी तरह झारखंड में स्वास्थ्य विभाग इस मामले से अनजान बना हुआ है। यहां न तो मैगी के सैंपल्स कलेक्ट किए जा रहे हैं और न ही उसकी जांच कराने की कोई कवायद हो रही है। बस स्वास्थ्य विभाग देशभर में मैगी के हो रहे सैंपल टेस्ट का ही इंतजार कर रही है। मैगी के सैंपल टेस्ट को लेकर अबतक कोई पहल नहीं किया जाना यहां के स्वास्थ्य विभाग की बेरूखी ही बताती है।

मैगी से लोग तोड़ रहे नाता

मैगी के सैंपल जांच रिपोर्ट में शरीर के लिए खतरनाक माने जानेवाले लेड और एमएसजी की मात्रा जरूरत से सात गुना ज्यादा होने से राज्य का स्वास्थ्य महकमा अनजान है, पर लोग इसे लेकर काफी अवेयर हो चुके हैं। घर-घर में यह जानकारी पहुंच चुकी है कि मैगी सेहत के लिए काफी नुकसानदेह हैं। ऐसे में वे नाता तोड़ने लगे है। शुक्रवार को आई नेक्स्ट ने इस मुद्दे पर शहर के कई लोगों से बातचीत की। लोगों का कहना था कि सरकार को अबतक एक्शन ले लेना चाहिए। देशभर से नमूना जब्त कर जांच करानी चाहिए। अगर इसमें किसी तरह की गड़बड़ी मिलती है तो उसे हमेशा के लिए बैन कर देना चाहिए। इस मुद्दे को लेकर झारखंड ह्यूमन राईट्स कांफ्रेंस (जेएचआरसी) शनिवार को सिविल सर्जन से मिलकर जांच व उचित कार्रवाई की मांग करेंगे।

यह है मामला

पिछले दिनों उतर प्रदेश के बाराबंकी जिले से मैगी के 12 अलग-अलग सैंपल्स लेकर केंद्र सरकार की कोलकाता स्थित लैब में टेस्ट कराया गया। रिपोर्ट में मैगी के इन पैकेट्स में लेड की मात्रा 17.2 पा‌र्ट्स प्रति मिलियन (पीपीएम) पाई गई, जो तय सीमा से लगभग सात गुना ज्यादा है। जांच रिपोर्ट के अनुसार, मैगी नूडल्स में लेड और मोनोसोडियम ग्लूटामैट की मात्रा खतरनाक स्तर पर पाई गई। जबकि फूड सेफ्टी एंड ड्रग एसोसिएशन(एफडीए) का कहना है कि मैगी में लेड की मात्रा 0.01 पीपीएम से लेकर 2.5 पीपीएम के बीच ही होनी चाहिए।

मैगी हैं कई विकल्प

महज दो मिनट में तैयार होनेवाले मैगी के कई विकल्प हैं। मैगी जहां हेल्थ के लिए नुकसानदेह है, वहीं साबूदाना, दलिया और ओट्स इसका बेहतर विकल्प है। ये न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहतर है।

इन बीमारियों के होने की आशंका

मैगी के नमूनों की जांच रिपोर्ट में मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) और लेड के भारी मात्रा में होने की बात सामने आई है। दरअसल एमएसजी अमीनो एसिड है, जिसका इस्तेमाल स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। खाने में इसकी मात्रा ज्यादा होने से शरीर को ये नुकसान पहुंच सकता है:

- मुंह, सिर और गर्दन में जलन

-स्किन एलर्जी

- हाथ-पैर में कमजोरी

- सिरदर्द और पेट दर्द की तकलीफ

-दिमाग के लिए भी नुकसानदेह

लेड की मात्रा ज्यादा होने से :

-ब्लड सर्कुलेशन की समस्या

-किडनी फेल का खतरा

-हार्ट अटैक की आशंका

-दौरा पड़ने का खतरा

-बच्चों के मानसिक विकास पर असर

स्वास्थ्य विभाग ने टीम बनाई, होगी जांच

मैगी पर सवाल उठे तो हर कोई जांच की मांग कर रहा। स्वास्थ्य विभाग ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए एक टीम गठित की है। शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ। एसके झा ने इस संदर्भ में ऑफिशियल्स के साथ एक बैठक भी आयोजित की और आगे की रणनीति तैयार की। सिविल सर्जन ने कहा कि जल्द ही एसीएमओ के नेतृत्व में एक जांच अभियान चलाकर मैगी के नमूना जब्त किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों की माने तो कई समाजिक संस्थाएं भी जांच की मांग कर रही है। क्योंकि यह हर घर से जुड़ा हुआ मामला है।

हर महीने 36 लाख की मैगी खाते हैं शहरवासी

शहर के लोग हर महीने लगभग 36 लाख का मैगी खाते हैं। शहर में नेस्ले (मैगी) के 5 डिस्ट्रीब्यूटर्स हैं। प्रत्येक डिस्ट्रीब्यूटर्स हर महीने लगभग 600 पेटी मैगी सप्लाई करता है। इस तरह हर महीने सभी डिस्ट्रीब्यूटर्स मिलकर 3000 पेटी मैगी डिफरेंट एरियाज के रिटेलर्स को सप्लाई करते हैं। एक पेटी का एवरेज प्राइस 1200 रुपए है। यानी 3000 पेटी मैगी की कीमत हो गई 36 लाख रुपए।

सेल में 40 परसेंट की आई गिरावट

मैगी में अधिक मात्रा में लेड और एमएसजी पाए जाने की खबर के बाद इसके सेल में काफी गिरावट आई है। साकची एरिया के डिस्ट्रीब्यूटर मनोज चैताली ने आई नेक्स्ट को बताया कि पिछले कुछ दिनों में कई रिटेलर्स ने ऑर्डर कैंसिल कर दिया है। ओवरऑल सेल की बात करें तो मनोज ने बताया कि पिछले एक वीक में लगभग 40 परसेंट की गिरावट आई है।