छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : एक तरफ सरकार 12वीं की परीक्षा का परिणाम सुधारना चाह रही है। वहीं दूसरी तरफ उनके मंसूबे को उनके ही पदाधिकारी डूबोने में लगे हुए है। निजी स्कूल जहां 12वीं में अपना रिकार्ड सुधारने के लिए 11वीं की परीक्षा कड़ाई से आयोजित करते हैं, वहीं सरकारी स्कूल व कॉलेजों की स्थिति इसके बिलकुल उलट है। शनिवार से जैक बोर्ड की 11वीं की परीक्षाएं प्रारंभ तो हुई, पर अव्यवस्था से स्टूडेंट्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

20 हजार एग्जामिनीज

पहले दिन पहली पाली में अंग्रेजी कोर व दूसरी पारी में ¨हदी कोर की परीक्षा आयोजित थी। इसमें लगभग 20 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए। सबसे मजेदार बात यह रही कि इस परीक्षा का कोई कंट्रोलिंग ऑफिसर मौजूद ही नहीं था। जिला शिक्षा पदाधिकारी के छुट्टी में रहने के कारण पहले दिन यह परीक्षा जैसे तैसे आयोजित हुई।

जैसे-तैसे ली जा रही है परीक्षा

किसी कॉलेज में एक बेंच पर चार परीक्षार्थी तो कहीं एक बेंच पर पांच परीक्षार्थी बैठे नजर आये। एक तो यह परीक्षा तीन माह देर से प्रारंभ हुई उपर से यह अव्यवस्था। परीक्षा कक्षों में पर्याप्त शिक्षक तक मौजूद नहीं थे। बस किसी तरह यह परीक्षा आयोजित की गई। जमशेदपुर में यह परीक्षा सिर्फ मजाक बनकर रह गई।