छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : कोल्हान यूनिवर्सिटी के एफिलिएटेड कॉलेजेज में सब्जेक्ट वाइज टीचर्स की संख्या कम होने पर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन सख्त हो गया है। यूनिवर्सिटी ने साफ कर दिया है कि जिस कॉलेज में प्रत्येक ऑनर्स सब्जेक्ट में 4-4 और जेनरल पास कोर्स के सब्जेक्ट्स में 3-3 टीचर्स से कम होने पर उस कॉलेज के एफिलिएशन का प्रस्ताव सरकार को भेजा ही नहीं जाएगा। केयू के वीसी डॉ आरपीपी सिंह ने कहा कि यूजीसी के नॉ‌र्म्स के एकॉर्डिग प्रत्येक सब्जेक्ट में मिनिमम इतने टीचर्स होने चाहिए।

तो इतने टीचर्स होने चाहिए

अगर केयू के किसी एफिलिएटेड कॉलेज में 4 सब्जेक्ट्स में ऑनर्स की पढ़ाई हो रही है तो कुल टीचर्स की संख्या 16 होनी चाहिए। इसी तरह अगर किसी कॉलेज में तीन सब्जेक्ट्स में जेनरल पास कोर्स की पढ़ाई हो रही है तो कुल टीचर्स की संख्या 9 होनी चाहिए।

अब शर्तो की अवहेलना नहीं चलेगी

केयू के वीसी डॉ आरपीपी सिंह ने आई नेक्स्ट को बताया कि टीचर्स की संख्या की संख्या और इंफ्रास्ट्रक्चर में कमी होने पर हर बार कंडीशनल एफिलिएशन दिया जाता था। उसमें लिखा होता था कि इतने महीनों में उस कमी को पूरा करना होगा। उनका कहना था कि हर साल की शर्त को कॉलेजेज ने टालना शुरु कर दिया है जो अब नहीं चलेगा। उन्होंने बताया कि कुछ कॉलेजेज के द्वारा शर्त नहीं पूरा किए जाने पर एचआरडी से क्वेरी भी आई हैं।

कांस्टीट्यूएंट कॉलेजेज में पोस्ट क्रिएट किया जाएगा

कोल्हान यूनिवर्सिटी के कांस्टीट्यूएंट कॉलेजेज में भी टीचर्स की कमी नहीं रहने दी जाएगी। इसको लेकर गवर्नर हाउस में मीटिंग भी हो चुकी है। केयू के वीसी ने बताया कि यूनिवर्सिटी द्वारा हाई लेवल कमिटी बनाई जाएगी। वह कमिटी प्रत्येक कॉलेज में जाएगी और वहां स्टूडेंट-टीचर्स का रेशियो पता करेगी। जहां टीचर्स की संख्या कम होगी वहां उस सब्जेक्ट में पोस्ट क्रिएट किया जाएगा। फिलहाल इस कमी को गेस्ट फैकल्टी अप्वॉइंट करके तुरंत पूरा कर दिया जाएगा।

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वर्जन

एफिलिएटेड कॉलेज में टीचर्स और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी होने पर सशर्त एफिलिएशन दिया जाता है और कमी को पूरा करने के लिए समय भी दिया जाता है। पर हर बार वैसी ही स्थिति बनी रहती है। इस बार ऐसा नहीं होगा। टीचर्स की संख्या के मामले में कॉम्परमाइज नहीं किया जाएगा। प्रत्येक ऑनर्स सब्जेक्ट में 4-4 और जेनरल पास कोर्स में 3 टीचर्स नहीं होने पर उस कॉलेज के एफिलिएशन के प्रस्ताव को हम सरकार के पास नहीं भेजेंगे।

- डॉ आरपीपी सिंह, वीसी केयू