-कॉलेज व हॉस्पिटल के बीच है आठ किलोमीटर की दूरी

-छात्रों के साथ-साथ चिकित्सकों को भी हो रही परेशानी

छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की बार-बार आपत्ति के बाद अब महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज कैंपस में ही 500 बेड का नया हॉस्पिटल बनाने का फैसला लिया गया है। हालांकि, यह प्रयास लंबे समय से लंबित था। अब इसे हरी झंडी देने की बात कही जा रही है। एमजीएम कॉलेज व हॉस्पिटल के बीच करीब आठ किलोमीटर की दूरी होने के कारण छात्रों के साथ-साथ चिकित्सकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता रहा है।

कॉलेज में हैं पर्याप्त जगह

एमसीआई के मुताबिक मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल एक ही कैंपस में होने चाहिए, लेकिन अबतक थ्यौरी व प्रैक्टिकल करने के लिए करीब आठ किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। इस संदर्भ में कॉलेज प्रबंधन ने पूर्व में ही सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अबतक फैसला नहीं हो सका था। कॉलेज प्रबंधन ने इसे अबतक का सबसे बड़ा फैसला मान रही है। कॉलेज में पर्याप्त स्थान होने के कारण सभी विभागों को एक ही परिसर में तैयार किया जाएगा। इससे छात्र, चिकित्सक व मरीज तीनों लाभान्वित होंगे। कॉलेज में जेनेटिक विंग व कैथ लैब के लिए भवन बनकर तैयार हो चुका है। नए हॉस्पिटल का कार्य भी जल्द शुरू करने की बात कही जा रही है।

हॉस्पिटल में बढ़ेगी सुविधा

सीएम रघुवर दास व खाद्य आपूर्ति सह संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय के बयान के बाद एमजीएम हॉस्पिटल को सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के रूप में विकसित करने की बात कही जा रही है। सुपरिंटेंडेंट ने सभी विभागों के विभागाध्यक्षों से विस्तार पूर्वक सूची तैयार कर जल्द से जल्द मांगी है।

जारी है एमबीबीएस छात्रों का पलायन

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के कई विभागों में पीजी की पढ़ाई नहीं होने से एमबीबीएस छात्रों को पलायन लगातार जारी है। इससे चिकित्सकों की संख्या में काफी कमी आई है। विशेषज्ञ चिकित्सक खोजने से भी नहीं मिल रहे हैं। इसके कारण पीजी की पढ़ाई जल्द से जल्द शुरू करने की तैयारी है। प्रदेश में करीब 1800 डॉक्टर हैं, लेकिन इसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या काफी कम है। पीजी की पढ़ाई शुरु होने से चिकित्सकों की संख्या बढ़ेगी और चिकित्सा की गुणवक्ता में भी सुधार आएगी। एमजीएम कॉलेज में फिलहाल एनाटॉमी, फिजियोलॉजी व फार्मालॉजी विभाग की पांच सीटों पर पीजी की पढ़ाई होती है। वहीं रेडियोलॉजी, गायनिक व पिडियाट्रिक्स की छह सीटों पर डिप्लोमा की पढ़ाई होती है।

एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीट बढ़ाने के साथ-साथ पीजी की पढ़ाई भी शुरू होनी है। अस्पताल में जगह की कमी होने के कारण अब कॉलेज में ही 500 बेड का अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि इसके लिए लंबे समय से प्रयास किया जा रहा था।

- डॉ। एएन मिश्रा, प्रिसिंपल, एमजीएम मेडिकल कॉलेज