JAMSHEDPUR: मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड सरकार भी हर घर में नीर निर्मल परियोजना के तहत पाइप लाइन से पानी देने की योजना पर कार्य कर रही है। विश्व बैंक, केंद्र सरकार व राज्य सरकार के सहयोग से चलने वाली इस महत्वपूर्ण योजना को ख्0ख्0 तक तीन चरणों में पूरा करना है। प्रथम चरण में जिले के 7ख् पंचायतों में दो साल (ख्0क्7) में तक जलापूर्ति करनी है। इस परियोजना पर कुल ख्क्क् करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। योजना में तेजी लाने के लिए पिछले दिनों विश्व बैंक की टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य का जायजा लिया तथा कार्यपालक अभियंता को कार्य में प्रगति लाने का निर्देश दिया। विश्व बैंक के स्थानीय प्रतिनिधि सत्येंद्र मिश्रा का कहना है कि काम की रफ्तार काफी धीमी है। हालांकि कई गांवों में काम में प्रगति हो रही है।

दो प्रकार की योजनाएं

एमवीएस यानि मल्टी विलेज स्कीम तथा दूसरा एसवीएस यानि सिंगल विलेज स्कीम। मल्टी विलेज स्कीम के तहत दो योजना पर काम चल रहा है। जिसमें एक वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना छोटा गोविंदपुर तथा दूसरा वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना बागबेड़ा। दोनों ही योजना पूरी होने पर फ्8 ग्राम पंचायतों में घर-घर पानी पहुंचाया जाएगा। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जब बागबेड़ा जलापूर्ति योजना का शिलान्यास किया था जब घोषणा की थी कि यह काम निर्धारित तिथि से (दो वर्ष) भी कम समय में पूरा हो जाएगा, लेकिन कहीं काम दिखाई नहीं दे रहा है। बागबेड़ा जलापूर्ति योजना पर लगभग ख्00 करोड़ रुपये खर्च होने हैं।

इसके अलावा सिंगल विलेज स्कीम तथा सिंगल टोला आधारित योजना के तहत फ्ब् पंचायतों में फ्7 स्कीम पर काम चल रहा है। इस पर कुल क्क् करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।